नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस परेड में विभिन्न राज्यों की झांकियां शामिल हुई, आइए देखते हैं क्या थी उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की झांकियों की थीम।
उत्तराखंड
उत्तराखंड ने अपनी झांकी में संपर्क परियोजनाओं और धार्मिक स्थलों का प्रदर्शन किया। झांकी के आगे के हिस्से में गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब की झलक पेश की गई। हमकुंड साहिब गुरुद्वारा सिखों के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। झांकी में डोबरा-चांठी पुल को भी प्रदर्शित किया गया । 440 मीटर लंबा यह झूला पुल टिहरी गढ़वाल जिला मुख्यालय और प्रताप नगर को जोड़ता है। टिहरी बांध भारत का सबसे ऊंचा और दुनिया का चौथा सबसे ऊंचा बांध है। इसे झांकी के मध्य भाग में प्रदर्शित किया गया है, जबकि बद्रीनाथ मंदिर को झांकी के अंतिम भाग पर प्रस्तुत किया गया। बद्रीनाथ मंदिर चार धाम तीर्थ यात्रा के चार स्थलों में से एक है। हर मौसम वाले चारधाम मार्ग को उत्तराखंड की झांकी के एक किनारे पर प्रदर्शित किया गया।
#गणतंत्रदिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी में हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, डोबरा-चंटी ब्रिज और बद्रीनाथ मंदिर को दर्शाया गया है। #RepublicDayParade pic.twitter.com/v2W6XqVuUz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 26, 2022
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश की झांकी में आध्यात्मिक नगरी वाराणसी केंद्र में रही और झांकी में बनारस के घाटों से लेकर काशी विश्वनाथ धाम तक की शानदार झलक प्रस्तुत की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वाकांक्षी काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के पहले चरण को बीते साल 13 दिसंबर को जनता को समर्पित किया था। इस परियोजना के जरिये दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में शुमार वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश की झांकी की शुरुआत प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर के एक मॉडल से हुई। बताया जाता है कि होलकर साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होलकर ने 1780 के आसपास इस मंदिर का निर्माण किया था। जैसे-जैसे झांकी राजपथ पर बढ़ती गई, उसके साथ बजते गीत ने नए काशी विश्वनाथ धाम के प्रदर्शन के बीच यह बयां किया कि इसने कैसे श्रद्धालुओं को मंदिर और गंगा के बीच सीधा संपर्क दिया है। झांकी में काशी विश्वनाथ धाम के तीन प्रवेश द्वारों की झलक भी पेश की गई। इसमें एक तरफ बनारस के लोकप्रिय घाट नजर आए, जिन पर पंडे और आम श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते दिखे।