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Ram Mandir Dhwaja: रीवा के ललित मिश्रा ने बनाया अयोध्या राम मंदिर का धर्मध्वज, महीनों की रिसर्च से बना 'त्रेतायुग' का प्राचीन ध्वज

अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर लगने वाला त्रेतायुग के रामराज्य का राजध्वज का डिज़ाइन और रिसर्च किसी सामान्य व्यक्ति ने नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश के रीवा निवासी और देश के मशहूर इंडोलॉजिस्ट ललित मिश्रा ने तैयार किया है।

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anjali pandey
Ayodhya Ram Temple Flag Designed

Ayodhya Ram Temple Flag Designed

Ayodhya Ram Temple Flag Designed in Rewa: अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर के लोकार्पण के ठीक 22 माह बाद आज यानी 25 नवंबर को मंदिर के शिखर पर लगने वाला त्रेतायुग के रामराज्य का राजध्वज एक बार फिर इतिहास के पन्ने में दर्ज होने जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंचकर भव्य धर्मध्वज का ध्वजारोहण करेंगे। कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत भी मौजूद रहेंगे।

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इस ऐतिहासिक ध्वज का डिज़ाइन और रिसर्च किसी सामान्य व्यक्ति ने नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश के रीवा निवासी और देश के मशहूर इंडोलॉजिस्ट ललित मिश्रा ने तैयार किया है। यह वही ध्वज है जिसे त्रेतायुग में भगवान राम के राज्यकाल में राजध्वज के रूप में प्रयोग किया जाता था।

22 जनवरी 2024 को हुआ था राम मंदिर का लोकार्पण 

22 जनवरी 2024 का दिन इतिहास का वह अध्याय है, जिसे पूरे भारत ने भावनाओं और श्रद्धा के साथ देखा था। इस दिन अयोध्या को उसका खोया हुआ वैभव मिला। करोड़ों राम भक्तों ने वर्षों की प्रतीक्षा के बाद राम मंदिर का निर्माण पूरा होते देखा, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए और अयोध्या की धरा पर दिव्यता का चमत्कारिक क्षण अनुभव किया।।आज, 22 माह बाद, मंदिर के भव्य स्वरूप में त्रेतायुग का अंतिम अधूरा हिस्सा राजध्वज  भी जुड़ रहा है।

ललित मिश्रा ने खोजा प्राचीन राजध्वज का स्वरूप 

अयोध्या राम मंदिर भले ही पूरा हो गया था, लेकिन उसके शिखर पर लगने वाले मूल त्रेतायुगीन ध्वज का स्वरूप अभी बाकी था। इसी खोई कड़ी को जोड़ने में रीवा जिले के सेमरिया के निवासी ललित मिश्रा ने बड़ा योगदान दिया है।  यूपी के अयोध्या शोध संस्थान के डायरेक्टर डॉ. लवकुश द्विवेदी ने ललित मिश्रा से रामायण आधारित प्राचीन चित्रों पर रिसर्च का आग्रह किया था। इसके बाद मिश्रा ने मेवाड़ राजवंश द्वारा बनवाए गए वाल्मीकि रामायण के चित्रों का अध्ययन किया।

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इन चित्रों में महाराणा प्रताप के वंशज महाराजा राणा जगत सिंह द्वारा रामायण के हर प्रसंग को चित्रित किया गया था। इन्हीं चित्रों में एक दृश्य में भगवान राम के समय राजध्वज का स्पष्ट स्वरूप दिखाई दिया। यही वह आधार था, जिसके आधार पर त्रेतायुग का ध्वज आधुनिक रूप में पुनर्जीवित हुआ।

कैसा है ध्वज का डिजाइन 

Ayodhya Ram Temple Flag Designed

दिसंबर 2023 में ललित मिश्रा ने राजध्वज का अंतिम डिजाइन तैयार करवाया और इसे अयोध्या पहुंचाया। ध्वज की प्रमुख विशेषताएं की बात करें तो रंग भगवा ध्वज पर तीन तत्व उकेरे गए है जिसमें कोविदार वृक्ष, सूर्य का प्रतीक, ॐ की आकृति, धर्मशास्त्रों और प्राचीन चित्रों में कोविदार वृक्ष रामराज्य का प्रतीक माना गया है।

रीवा से है गहरा संबंध 

रिसर्च के दौरान जब ललित मिश्रा ने देखा कि रीवा के कॉलेज चौराहे स्थित स्वामी विवेकानंद पार्क में कोविदार वृक्ष की तीनों प्रजातियां एक ही स्थान पर मौजूद हैं, तो उनका विश्वास और मजबूत हो गया। इसी प्रेरणा से उन्होंने रीवा में 51 ध्वज तैयार कराए और उन्हें अयोध्या लेकर गए।

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