हाइलाइट्स
- प्रयागराज और वाराणसी में गंभीर स्थिति
- पूर्वांचल के जिलों में गंगा का रौद्र रूप
- शिक्षण संस्थान बंद, अलर्ट पर विद्युत विभाग
UP Flood Crisis: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इन दिनों बाढ़ का विकराल रूप देखने को मिल रहा है, जिसने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। पूर्वांचल से लेकर बुंदेलखंड और पश्चिमी यूपी तक के कई गांवों में पानी भर गया है, जिससे तबाही का मंजर पसरा हुआ है। इस बार तो सूखे के लिए जाने जाने वाले बुंदेलखंड के जिले भी बाढ़ की चपेट में हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों को मौके पर जाकर राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, 11 मंत्रियों की एक टीम भी 12 बाढ़ प्रभावित जिलों में निगरानी के लिए तैनात की गई है।
प्रयागराज और वाराणसी में गंभीर स्थिति
प्रयागराज और वाराणसी में बाढ़ से सबसे ज्यादा जनजीवन प्रभावित हुआ है। प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने से सोमवार को लगभग पांच लाख की आबादी के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया। सैकड़ों घर बाढ़ की चपेट में हैं, और हजारों लोग भोजन व पानी के संकट से जूझ रहे हैं। दोनों नदियों का जलस्तर 86 मीटर के पार पहुंच गया है, जो खतरे के निशान (84.73 मीटर) से काफी ऊपर है। हालांकि, सोमवार शाम को थोड़ी राहत भरी खबर आई कि यमुना का जलस्तर घटने लगा है, जबकि गंगा का स्थिर है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हेलिकॉप्टर से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और दो राहत शिविरों का भी दौरा किया। बाढ़ और लगातार बारिश के कारण हरी सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं।
मॉनसून जागरुकता सप्ताह !
(Monsoon Awareness Week) !भारत में मानसून कैसे आता है? सरल भाषा में समझें:
गर्मियों में, भूमि पर कम दाब और समुद्र में उच्च दाब बनता है।इस दाब प्रक्रिया में अंतर के कारण, हवाएँ चलती हैं जो समुद्र से नमी को भारत की ओर लाती हैं, बार-बार ऊपर उठती हैं,… pic.twitter.com/deuCiZcMrG
— India Meteorological Department (@Indiametdept) August 5, 2025
2025 के मॉनसून में अब तक की अनुमानित वर्षा (जुलाई मध्य तक)
जिला | अनुमानित वर्षा (इंच में) | स्थिति / टिप्पणियाँ |
---|---|---|
लखनऊ | 12.4 | अगले सप्ताह से भारी वर्षा की संभावना |
बाराबंकी | 11.8 | सुबह बादल, शाम को बूंदाबांदी संभव |
बहराइच | 14.2 | बादल छाए रहेंगे, बारिश के अच्छे आसार |
गोरखपुर | 10.5 | छिटपुट बारिश, अगले सप्ताह से तेज़ बारिश संभव |
देवरिया | 9.8 | हल्की बारिश की संभावना |
बस्ती | 10.2 | आंशिक बादल और हल्की वर्षा |
आगरा | 8.7 | गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें |
कानपुर | 11.0 | पिछले सप्ताह बारिश, अभी गर्मी व उमस |
प्रयागराज | 9.5 | मानसून की धीमी सक्रियता |
वाराणसी | 10.1 | मानसून सक्रिय होने की तैयारी में |
पूर्वांचल के जिलों में गंगा का रौद्र रूप
पूर्वांचल के मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और बलिया में गंगा नदी उफान पर है। भदोही को छोड़कर अन्य पांचों जिलों में गंगा खतरे के बिंदु से ऊपर बह रही है। इन छह जिलों के 500 से अधिक गांव बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं। वाराणसी में गंगा ने 2022 का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और पानी अब ट्रॉमा सेंटर वाली सड़क तक पहुंच चुका है। काशी के 84 घाटों पर स्थित 3000 से अधिक मंदिर पानी में डूब गए हैं, जिससे अंतिम संस्कार के लिए भी जगह मिलना मुश्किल हो गया है।
शिक्षण संस्थान बंद, अलर्ट पर विद्युत विभाग
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए, प्रयागराज के जिलाधिकारी ने प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा-12 तक के सभी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों में 7 अगस्त तक छुट्टी घोषित कर दी है। सोनभद्र और चंदौली में आठवीं तक के स्कूल मंगलवार को बंद रहेंगे, जबकि गाजीपुर में मंगलवार और बुधवार को आठवीं तक के स्कूल बंद रहेंगे। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, बलिया, फतेहपुर, हमीरपुर, बांदा, भदोही, कौशांबी, चित्रकूट, जालौन, आगरा सहित अन्य बाढ़ प्रभावित जिलों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने नगर विद्युत अधिकारियों को विशेष कंट्रोल रूम स्थापित कर अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि अधिकारी और कर्मचारी मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे, और कार्यस्थल से अनुपस्थित पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
2025 के मानसून में उत्तर प्रदेश के जिलों की वर्षा (सबसे अधिक से कम तक)
रैंक | जिला | अनुमानित वर्षा (इंच में) | टिप्पणियाँ |
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1 | बहराइच | 14.2 | सबसे अधिक वर्षा वाला जिला, सक्रिय मानसून |
2 | लखनऊ | 12.4 | अच्छी वर्षा, अगले सप्ताह और तेज़ हो सकती है |
3 | बाराबंकी | 11.8 | बादल और शाम को हल्की बूंदाबांदी |
4 | कानपुर | 11.0 | औसत से ऊपर वर्षा, अब थोड़ी गर्मी |
5 | बस्ती | 10.2 | छिटपुट वर्षा जारी |
6 | वाराणसी | 10.1 | मानसून की धीरे-धीरे सक्रियता |
7 | गोरखपुर | 10.5 | कुछ स्थानों पर वर्षा, अगले सप्ताह बढ़ेगी |
8 | देवरिया | 9.8 | हल्की वर्षा |
9 | प्रयागराज | 9.5 | मानसून अभी कमजोर |
10 | आगरा | 8.7 | गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें |
यूपी में मॉनसून संबंधित मौतों की स्थिति (जुलाई मध्य तक)
जिला | मौतों की संख्या | मुख्य कारण |
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Chitrakoot | 6 | बार-बार डूबने की घटनाओं से |
Mahoba | 3 | डूबना और मकान के ढहने से |
Banda | 3 | बारिश के कारण |
Moradabad | 3 | डूबना |
Ghazipur | 1 | डूबना |
Lalitpur | 1 | बारिश के कारण |
Gonda | 1 | सांप के काटने से |
Prayagraj | 1 | सांप के काटने से |
प्रदेश में 300+ से अधिक गांव की संख्या है जो बाढ़ से प्रभावित हैं। इसके साथ ही 50 से 100 ऐसी है जो इस मॉनसून में बह गए थे।
श्रेणी | संख्या (अनुमानित) | विवरण / संदर्भ |
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बाढ़ से प्रभावित गांव | 300+ | प्रदेश में 300+ से अधिक गांव की संख्या है जो बाढ़ से प्रभावित हैं। इसके साथ ही 50 से 100 ऐसी है जो इस मॉनसून में बह गए थे। |
प्लान्ड (बहाने वाले) गांव | ~50–100 | प्रभावित गांवों में से लगभग 15–30% (यानी करीब 50 से 100 गांव) ऐसे हैं जो पानी की तेज़ धाराओं या नदी‑बाढ़ की वजह से बह गए। यह अनुमान पिछले दिनों की घटनाओं और देशभर के बाढ़-ट्रेंड के आधार पर है। |
FAQ में जानें लोगों के सवाल
यूपी के किन क्षेत्रों में बाढ़ का सबसे ज्यादा प्रभाव देखा जा रहा है?
उत्तर: उत्तर प्रदेश में बाढ़ का सबसे गंभीर प्रभाव पूर्वांचल और बुंदेलखंड के जिलों में देखा जा रहा है। प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, चंदौली, गाजीपुर और बलिया जैसे जिलों में गंगा और यमुना नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। प्रयागराज में लगभग 5 लाख की आबादी संकट में है, जबकि पूर्वांचल के 500 से अधिक गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं।
Q2: सरकार द्वारा बाढ़ राहत और बचाव के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
उत्तर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया है। साथ ही, 11 मंत्रियों की टीम को 12 बाढ़ प्रभावित जिलों में निगरानी के लिए तैनात किया गया है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हवाई सर्वेक्षण कर राहत शिविरों का दौरा किया, और ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विद्युत विभाग को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं।
Q3: बाढ़ के कारण जनजीवन पर क्या असर पड़ा है?
उत्तर: बाढ़ के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
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सैकड़ों घर डूब गए हैं और हजारों लोग भोजन व पानी के संकट से जूझ रहे हैं।
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प्रयागराज और अन्य जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।
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हरी सब्जियों के दाम काफी बढ़ गए हैं।
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84 घाटों के 3000 मंदिर डूब चुके हैं, जिससे अंतिम संस्कार में भी कठिनाई हो रही है।
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बिजली विभाग ने विशेष कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं और सभी कर्मचारियों को मुख्यालय पर मौजूद रहने का आदेश दिया गया है।
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