हाइलाइट्स
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पूजा खेडकर के खिलाफ एक्शन
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UPSC ने रद्द किया पूजा खेडकर का सिलेक्शन
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कोई एग्जाम नहीं दे पाएंगी पूजा खेडकर
Puja Khedkar: पूजा खेडकर अब IAS अफसर नहीं रहीं। UPSC ने उनका सिलेक्शन रद्द कर दिया है। पूजा खेडकर ने पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बाद सिविल सर्विसेस का एग्जाम दिया था। उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई गई थी। UPSC के एक्शन के बाद अब वे कोई एग्जाम नहीं दे पाएंगी। वे भविष्य में कभी IAS अफसर नहीं बन पाएंगी।
पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस
सिलेक्शन रद्द करने को लेकर UPSC ने पूजा खेडकर को नोटिस देकर जवाब मांगा था। UPSC का कहना था कि पूजा खेडकर के खिलाफ जांच में पाया गया कि उन्होंने अपना नाम, माता-पिता का नाम, सिग्नेचर, फोटो, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और एड्रेस बदलकर UPSC की परीक्षा दी थी। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूजा खेडकर के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, आईटी एक्ट और डिसेबिलिटी एक्ट के तहत FIR दर्ज की थी।
पूजा ने नहीं दिया UPSC के नोटिस का जवाब
UPSC ने 18 जुलाई को पूजा खेडकर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उनके खिलाफ फर्जी पहचान बताकर परीक्षा नियमों में निर्धारित सीमा से ज्यादा बार बैठने की कोशिश करने का आरोप था। पूजा को नोटिस का जवाब देने के लिए 25 जुलाई तक का समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद UPSC ने एक्शन लिया।
विवाद के बाद पूजा का हुआ ट्रांसफर
पूजा खेडकर पर ट्रेनिंग के दौरान पद का गलत उपयोग और खराब आचरण का आरोप लगा। सबसे पहले पुणे के कलेक्टर सुहास दिवासे ने पूजा के खिलाफ शिकायत की थी। इस विवाद के बाद उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया था।
दिव्यांगता कोटे का दुरुपयोग करने का आरोप
पुणे विवाद के बाद ही पूजा खेडकर पर पहचान छुपाने, OBC और दिव्यांगता कोटे का दुरुपयोग करने का आरोप लगा। 16 जुलाई को पूजा खेडकर की ट्रेनिंग रोक दी गई थी। उन्हें मसूरी की लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (LBSNAA) वापस बुला लिया गया था। हालांकि पूजा 23 जुलाई की डेडलाइन खत्म होने तक LBSNAA नहीं पहुंची थीं।
नाम और उम्र से भी छेड़छाड़ के आरोप
जांच में सामने आया कि पूजा खेडकर ने UPSC के अटेम्प्ट बढ़ाने के लिए अपने नाम और उम्र में भी बदलाव किया था। सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में पूजा के 2020 और 2023 के 2 आवेदनों में नाम अलग-अलग पाए गए।
2020 के आवेदन में नाम खेडकर पूजा दिलीपराव है और उम्र 30 साल बताई गई थी। वहीं 2023 में CAT के आवेदन में नाम पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर और उम्र 31 साल बताई थी। अब सवाल ये उठा कि 3 साल में उनकी उम्र सिर्फ एक साल ही कैसे बढ़ीं। मतलब साफ है कि नाम-उम्र के साथ छेड़छाड़ की गई थी।
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पूजा खेडकर ने 11 बार दी सिविल सर्विसेस की परीक्षा
UPSC में जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट को 32 साल की उम्र तक 6 बार परीक्षा देने की परमिशन होती है। इसके बाद अटेम्प्ट खत्म हो जाते हैं। वहीं OBC कैंडिडेट 35 साल तक 9 बार परीक्षा दे सकता है। सूत्रों की मानें तो पूजा खेडकर ने 11 बार सिविल सर्विसेस की परीक्षा दी थी।