UP Vidhan Sabha Budget Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र (मंगलवार 18 फरवरी) को 11 बजे राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया। इससे पहले, समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं ने सदन के बाहर हंगामा किया। सपा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर भारी विरोध जताया। उनका आरोप है कि सरकार जनता के हितों की अनदेखी कर रही है और विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। इसके साथ ही सपा द्वारा किए गए हंगामें के बाद सदन की कार्यवाही को 12.30 तक के स्थगित कर दिया गया है। फिर वंदे मातरम गीत के गायन के साथ सदन की कार्यवाही पुनः शुरू की गई।
जानकारी के मुताबिक, यह बजट सत्र पांच मार्च तक चलेगा। सत्र से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी दलों के साथ हुई बैठक में सभी से सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जनता के मुद्दों पर स्वस्थ और सकारात्मक चर्चा हो।
उत्तर प्रदेश विधान सभा के बजट सत्र (वित्तीय वर्ष 2025-2026) से पूर्व पत्रकार बंधुओं से वार्ता… https://t.co/RzKIX1bX1Y
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 18, 2025
सपा कार्यकर्ता हथकड़ी पहनकर विधानसभा पहुंचे
सपा कार्यकर्ता हथकड़ी पहनकर विधानसभा पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना विरोध जताया। उनका आरोप है कि योगी आदित्यनाथ सरकार जनता के मुद्दों को अनदेखी कर रही है और विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है।
सपा का सरकार पर तगड़ा निशाना
सपा कार्यकर्ताओं ने किसानों की समस्याओं, बेरोजगारी, महंगाई और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के हितों की अनदेखी करके केवल अपने राजनीतिक एजेंडे पर काम कर रही है। इसके अलावा, उन्होंने विपक्षी दलों के साथ हो रहे अन्याय और उनकी आवाज को दबाने के प्रयासों का भी विरोध किया।
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आज के बजट सत्र में राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेगी। इस बजट में किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के लिए कई योजनाओं की घोषणा की जाने की उम्मीद है। साथ ही, राज्य के विकास और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए भी प्रावधान किए जा सकते हैं।
विपक्षी दलों ने इस सत्र में सरकार से गंभीर मुद्दों पर चर्चा करने की मांग की है। सपा और अन्य विपक्षी दलों ने कहा है कि वे सरकार के खिलाफ इन मुद्दों को उठाएंगे और जनता के हितों की रक्षा के लिए सदन में मजबूत विरोध दर्ज कराएंगे। इस बजट सत्र के दौरान राजनीतिक गतिविधियां तेज होने की उम्मीद है, क्योंकि यह आगामी चुनावों से पहले का महत्वपूर्ण सत्र माना जा रहा है।