हाइलाइट्स
- सपा का आरोप सरकार शिक्षा से दूर कर रही गरीबों को
- सरकार का बचाव शिक्षा की गुणवत्ता के लिए पेयरिंग
- सरकार को मधुशाला से प्रेम है और पाठशाला से नफरत- सपा
UP Vidhan Sabha Season: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र मंगलवार को शिक्षा के मुद्दे पर गर्मा गया। विधान परिषद में सरकारी स्कूलों के विलय और बंदी के खिलाफ समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने जोरदार विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
सपा का आरोप सरकार शिक्षा से दूर कर रही गरीबों को
सपा नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने सरकार पर गरीब वर्ग को शिक्षा से वंचित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रही है और सरकारी स्कूलों को धीरे-धीरे बंद करने की साजिश रच रही है। सपा के डॉ. मान सिंह यादव ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, “सरकार को मधुशाला से प्रेम है और पाठशाला से नफरत है।” उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल बंद करने के लिए ‘पेयरिंग’ जैसे नए शब्द गढ़े जा रहे हैं।
आंकड़ों के साथ हमला,10,827 स्कूल बंद
सपा सदस्य आशुतोष सिन्हा ने दावा किया कि जून 2024 में ही 10,827 प्राथमिक विद्यालय बंद कर दिए गए। वहीं, मुकुल यादव ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिए यह मुद्दा सदन में उठाया और कहा कि यह नीति ग्रामीण और गरीब बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
सरकार का बचाव शिक्षा की गुणवत्ता के लिए पेयरिंग
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि 50 से कम विद्यार्थियों वाले स्कूल, जिनके एक किमी के दायरे में अन्य सरकारी विद्यालय हैं, उनकी ‘पेयरिंग’ की जा रही है। इसका मकसद एक स्कूल में अधिक शिक्षक उपलब्ध कराना और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना है।
उन्होंने बताया कि इससे केंद्र सरकार से अधिक कंपोजिट ग्रांट मिलेगी और बच्चों को बेहतर संसाधन मिलेंगे।
सपा का वॉकआउट, भाजपा का पलटवार
सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने सदन से बाहर निकलकर वॉकआउट किया। इस पर कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि सपा सरकार के कार्यकाल में शिक्षा और नौकरियों में सिर्फ भ्रष्टाचार ही हुआ। इसके बाद सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
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