हाइलाइट्स
- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्तियों में 8 फर्जी।
- राजस्वकर्मियों ने रिश्वत लेकर की फर्जी नियुक्ति।
- आंगनबाड़ी केंद्रों पर नियुक्ति के लिए 10,689 आवेदन।
Varanasi Anganwadi Scam: वाराणसी जिले में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की हाल ही में हुई नियुक्तियों पर सवाल उठने लगे हैं। हजारों उम्मीदवारों के बीच चयनित हुई 194 महिलाओं में से 8 के खिलाफ फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने की शिकायतें सामने आई हैं। आरोप यह भी है कि तहसील से जुड़े राजस्वकर्मियों ने रिश्वत लेकर ऐसे लोगों के आय, निवास प्रमाण पत्र बनाए गए हैं जिनके पास लाखों के चल-अचल संपत्ति है।
इन शिकायतों पर जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जांच शुरू करवा दी है। तहसील स्तर पर आय और निवास प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी की बात सामने आ रही है।
10,689 लोगों ने किया था आवेदन
शहर और ग्रामीण विकास खंडों में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों पर नियुक्ति के लिए कुल 10,689 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। इनमें से 194 योग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति की गई, जबकि 5 पद खाली रह गए क्योंकि योग्य उम्मीदवार नहीं मिल पाए।
बीपीएल कार्डधारकों को मिली प्राथमिकता
चयन में प्राथमिकता उन महिलाओं को दी गई जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही हैं।
शहरी क्षेत्र में बीपीएल की वार्षिक आय सीमा: ₹56,000
ग्रामीण क्षेत्र में बीपीएल की वार्षिक आय सीमा: ₹46,000
10 महिलाओं को उपमुख्यमंत्री ने दिए नियुक्ति पत्र
199 पद के सापेक्ष 194 योग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति हुई थी जिसमे से उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने 10 चयनित उम्मीदवारों को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र थमाया था।
फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर पाई नौकरी?
अब तक प्राप्त 8 शिकायत पत्रों में आरोप है कि चयनित महिलाओं ने आय प्रमाणपत्र फर्जी तरीके से बनवाए हैं। आरोप है कि तहसील के राजस्वकर्मियों ने रिश्वत लेकर अमीर महिलाओं को गरीब दिखाने वाले प्रमाणपत्र जारी किए हैं। कई महिलाएं जिनके पास लाखों की संपत्ति है, उन्होंने खुद को बीपीएल कार्डधारक बताकर नौकरी हासिल की है।
जांच में लेखपाल से कंप्यूटर ऑपरेटर तक की भूमिका संदिग्ध
आय निवास और जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए प्रोफार्मा के अलावा आवेदक की ओर से एक घोषणा पत्र देता है। इसके अलावा स्थानीय प्रधान या पार्षद की ओर से लेटर हेड पर उस व्यक्ति की आय, निवास और जाति संबंधित बातें लिखी जाती है जिसका सत्यापन कर लेखपाल की ओर से रिपोर्ट लगाता है।
इस रिपोर्ट के आधार पर कंप्यूटर ऑपरेटर आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र निर्गत करता है। सूत्रों के अनुसार कुछ कंप्यूटर ऑपरेटर दूसरों की आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल कर फर्जी प्रमाणपत्र बना देते हैं।
क्या बोले अधिकारी?
जिला कार्यक्रम अधिकारी के मुताबिक, सभी शिकायतों की गंभीरता से जांच की जा रही है। तहसील स्तर पर यह देखा जाएगा कि जिन महिलाओं की नियुक्ति हुई है, क्या वे निर्धारित मानकों के अंतर्गत आती हैं या नहीं।
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