हाइलाइट्स
- UP में अब बिना ओटीपी नहीं मिलेगा टेक होम राशन
- राशन के लिए करना होगा फेस रिकॉग्निशन
- प्रदेश के 45 फीसद से अधिक शहर प्रगति पर
UP Ration New Rule 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर राशन वितरण प्रणाली में बदलाव कर दिया है। कुपोषण के खिलाफ़ प्रदेश में चल रहे अभियान में तेजी लाते हुए योगी सरकार ने प्रदेश के सभी 1.18 करोड़ लाभार्थियों को राशन तभी मिलेगा जब उनका चेहरा फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरएस) से सत्यापित होगा।
जानकारी के मुताबिक, चेहरा फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (face recognition system ) से सत्यापित होने के बाद पंजीकृत मोबाइल पर भेजा गया ओटीपी आंगनवाड़ी केंद्र पर मिलान होगा। राशन लेने वाले ग्राहक का दो चरणों में पहचान की जाएगी तब उन्हें तब उन्हें राशन दिया जाएगा, इसके पीछे सरकार का केवल एक ही उद्देश्य है कि जो राशन के लिए उपयुक्त व्यक्ति है उसे ही राशन दिया जाए, किसी भी तरह की कोई भी गुंजाइश न रहे।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का उद्देश्य है कि जो राशन के लिए उपयुक्त व्यक्ति है उसे ही राशन दिया जाए, किसी भी तरह की कोई भी गुंजाइश न रहे। इस नई व्यवस्था से फर्जी नाम जोड़कर राशन उठाने और बाजार में बेचने की शिकायतें भी कम होंगी। एफआरएस का पायलट अगस्त 2024 में कानपुर नगर के बिधनू और सरसौल ब्लॉक में शुरू हुआ था। कमियों को दुरुस्त कर 1 नवंबर 2024 तक इसे सभी 75 जिलों में पहुंचा दिया गया। ताजा सरकारी आँकड़ों के मुताबिक 13 जून 2025 तक 1.18 करोड़ लाभार्थियों में से करीब 54 लाख का ई‑केवाईसी अपडेट हो चुका है।
प्रदेश के 45 फीसद से अधिक शहर प्रगति पर
कानपुर, लखनऊ और गाजियाबाद जैसे शहर 45 फीसद से अधिक प्रगति पर हैं, जबकि बदायूँ और बहराइच जैसे जिलों में रफ्तार धीमी है। मुख्यमंत्री ने ऐसे जिलों के लिए विशेष ड्राइव चलाने का आदेश दिया है। सभी डीएम को कहा गया है कि जुलाई की डेडलाइन से पहले‑पहले ब्लॉक और पंचायत स्तर पर रोजाना कैंप लगाएं। आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को टैबलेट, पोर्टेबल नेट और जनरेटर की सुविधा दी जा रही है, ताकि दूरदराज गाँवों में भी ई‑केवाईसी हो सके। सोशल मीडिया, आकाशवाणी और ग्रामीण हाटों में प्रचार‑रथ भी भेजे जाएंगे।
माँ‑बच्चों को सही समय पर पोषण मिलेगा
पोषण विशेषज्ञ इसे गेम‑चेंजर बता रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता वंशिका आहूजा कहती हैं कि पहचान दुरुस्त होगी तो जरुरतमंद माँ‑बच्चों को सही समय पर पोषण मिलेगा। इससे एनिमिया और अल्पवजन की दर में तेज गिरावट आ सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि “कुपोषण मुक्त उत्तर प्रदेश मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है। एफआरएस लागू करने में ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। सरकार को भरोसा है कि इस पारदर्शी व्यवस्था से न सिर्फ पोषण संकेतक सुधरेंगे बल्कि योजना पर जनता का भरोसा भी मजबूत होगा और यही सशक्त यूपी स्वस्थ यूपी का असली मकसद है।”
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