UP School Merger Protest News: उत्तर प्रदेश सरकार की स्कूल मर्जर नीति को लेकर शिक्षक संगठनों और अभिभावकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। सरकार ने निर्णय लिया है कि 150 से कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज किया जाएगा, जबकि 100 से कम छात्र संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को सरप्लस घोषित किया जाएगा। इस फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने मोर्चा खोल दिया है।
बरेली जिले में शिक्षक संघ (UP School News) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है। संघ का कहना है कि वर्ष 2018-19 में भी करीब 20,000 स्कूलों का विलय किया गया था, जिससे हजारों शिक्षकों की नियुक्तियों पर असर पड़ा और कई पद समाप्त हो गए।
पढ़ाई और रोजगार पर संकट
शिक्षक संघ (UP School News) ने चेतावनी दी है कि स्कूलों के मर्जर से बच्चों को पढ़ाई के लिए दूर-दराज के स्कूलों में जाना पड़ेगा, जिससे उनकी शिक्षा बाधित हो सकती है। इसके अलावा, मध्याह्न भोजन योजना के तहत काम कर रही रसोइयों की नौकरियां भी खतरे में पड़ सकती हैं।
दबाव में हो रहे प्रस्ताव
संघ का आरोप है कि ग्राम प्रधानों और स्कूल प्रबंधन समितियों पर दबाव डालकर स्कूल बंद करने के लिए प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं। इससे स्थानीय स्वायत्तता और सामुदायिक सहभागिता को नुकसान पहुंच रहा है।
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प्रदेश भर में विरोध
30 जून को प्रदेश के सभी 822 ब्लॉकों में शिक्षकों, अभिभावकों और ग्राम प्रधानों ने बैठक कर सरकारी फैसले के विरोध में प्रस्ताव पारित किए। अब शिक्षक संघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
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