UP Samvida Karmachari News: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में एक अहम फैसला लिया गया है। नागरिक उड्डयन विभाग के अंतर्गत कार्यरत संविदा कर्मचारियों को अब सातवें वेतन आयोग का लाभ मिलेगा।
इस फैसले के तहत निदेशालय में कार्यरत पायलट, को-पायलट, इंजीनियर, एयरोनॉटिकल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के कर्मचारी और तकनीकी व गैर-तकनीकी स्टाफ के पारिश्रमिक का पुनर्निर्धारण किया गया है। इससे राज्य के सैकड़ों संविदा कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा और उनके वेतनमान में महत्वपूर्ण सुधा
क्या है सातवां वेतन आयोग?
सातवां वेतन आयोग की स्थापना 2014 में जस्टिस ए. के. माथुर की अध्यक्षता में की गई थी। इसने जनवरी 2016 से लागू होने वाले वेतन, भत्तों और पेंशन के लिए सिफारिशें की थीं। इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को बेहतर वेतन और सुविधाएं प्रदान करना था।
सातवें वेतन आयोग के मुख्य फायदे
वेतन में बढ़ोतरी
-
न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 कर दिया गया।
-
केंद्रीय कर्मचारियों को औसतन 23.55% वेतन वृद्धि मिली।
परिवार भत्तों में सुधार
-
बच्चों की शिक्षा, मकान किराया भत्ता (HRA) और यात्रा भत्तों में बदलाव कर उन्हें अधिक व्यावहारिक बनाया गया।
पेंशन में बढ़ोतरी
-
रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन को नए वेतनमान के अनुसार समायोजित किया गया।
यह भी पढ़ें- UP Cabinet Meeting Decision: किसानों के हित में बड़ा फैसला, प्रदेश में बनेगा पहला सीड पार्क, डेढ़ गुना बढ़ेगा उत्पादन
हाउस रेंट अलाउंस (HRA)
-
अब बेसिक पे के अनुसार HRA तय होता है – 24%, 16%, 8% की दर से शहर की श्रेणी के अनुसार।
प्रमोशन व ग्रेड पे का सरलीकरण
-
पुराने ग्रेड पे सिस्टम को हटाकर पे लेवल प्रणाली लागू की गई, जिससे प्रमोशन प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनी।
किसे मिलता है 7वां वेतन आयोग?
-
केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी
-
सरकारी शिक्षण संस्थानों के कर्मचारी
-
सशस्त्र बलों (सेना, वायुसेना, नौसेना) के जवान
-
पेंशनर्स (सेवानिवृत्त कर्मचारी)
यह भी पढ़ें- LIC Smart Pension Plan 2025: एक बार करें इतने रुपए का निवेश और पाएं हर महीने पेंशन, जानें पूरी डिटेल्स