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संभल में कुएं की खुदाई में मिली सुरंग: इमारत में तहखाना होने की संभावना, खुदाई होने पर नजर आ रहे बड़े बड़े प्राचीन गेट

UP Sambhal Mandir ASI Survey: संभल के चंदौसी शहर के लक्ष्मणगंज में प्राचीन बावड़ी की रविवार सुबह से खुदाई फिर शुरू हो गई। इस दौरान डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण विश्नोई भी मौके पर मौजूद हैं।

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Ujjwal Rai
संभल में कुएं की खुदाई में मिली सुरंग: इमारत में तहखाना होने की संभावना, खुदाई होने पर नजर आ रहे बड़े बड़े प्राचीन गेट

UP Sambhal Mandir ASI Survey: संभल के चंदौसी शहर के लक्ष्मणगंज में प्राचीन बावड़ी (UP Sambhal Mandir ASI Survey) की रविवार सुबह से खुदाई फिर शुरू हो गई। इस दौरान डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण विश्नोई भी मौके पर मौजूद हैं।

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चंदौसी में शनिवार को कुएं की खुदाई के दौरान सुरंग (UP Sambhal Mandir ASI Survey) मिली है। इस दौरान जमीन के नीच पुरानी इमारत भी निकली है। इसके अलावा तहखाना होने की भी संभावना जताई जा रही है। इस दौरान SDM वंदना मिश्रा के साथ भारी संख्या में फोर्स मौजूद रही। वहीं, खुदाई करने पर बड़े-बड़े प्राचीन गेट भी नजर आए।

इससे पहले भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की टीम ने सुबह कल्कि मंदिर का सर्वे किया था। इस दौरान टीम ने गुंबद की तस्वीरें खींचीं थी। शनिवार को इस सर्वे का दूसरा दिन था। शुक्रवार (20 दिसंबर) को टीम ने गुपचुप तरीके से लगभग 9 घंटे तक सर्वे किया था, जिसमें 5 तीर्थ स्थलों और 19 कुंओं से नमूने लिए थे।

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बिलारी के राजा के नाना के समय की बावड़ी

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डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि यह 400 वर्ग मीटर एरिया बावड़ी (UP Sambhal Mandir ASI Survey) तालाब में दर्ज है। वहां के लोगों का कहना है कि ये बिलारी के राजा के नाना के समय की बावड़ी बनी हुई थी, इसके सेकेंड फ्लोर और थर्ड फ्लोर मार्वल के बने हुए हैं और ऊपर का तल ईंटों का बना है।

इसके अलावा इसमें एक कूप और 4 कमरे हैं, जिसे मिट्टी से चुन दिया गया था। वर्तमान में 210 वर्ग मीटर है जिस पर कब्जा है। उससे अतिक्रमण हटवाया जाएगा। बताया जा रहा है यह लगभग 125 से 150 साल पुरानी हो सकती है।

दो मूर्तियां अलग-अलग मंदिरों में रखी

ASI टीम से सर्वे कराने पर के सवाल पर DM ने बताया कि जरूरत पड़ने पर ASI को भी पत्र लिखेंगे। उन्होंने बताया कि जन सुनवाई के माध्यम से पता चला कि चंदौसी का बांके बिहारी मंदिर करीब 150 साल पुराना है। यहां की दो मूर्तियां अलग-अलग मंदिरों में सुरक्षित रखी हुई हैं।

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