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हाइलाइट्स
- मेहरून्निसा बेगम का जन्म 24 जनवरी 1933 को हुआ था।
- मेहरून्निसा बेगम के चार बच्चे थे।
- आजादी से पहले रामपुर रियासत उत्तर भारत की एक प्रमुख रियासत थी।
Nawabzadi Mehrunnisa Begum: रामपुर रियासत के आखिरी नवाब रजा अली खान की बेटी नवाबजादी मेहरून्निसा बेगम का अमेरिका में निधन हो गया। 91 वर्षीय मेहरून्निसा ने वॉशिंगटन डीसी में अंतिम सांस ली। वे पाकिस्तान के एयर चीफ मार्शल अब्दुर्रहीम खान की पत्नी थीं। परिवार और रामपुर शाही वंश में शोक की लहर है।
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भारत से अमेरिका तक की यात्रा और पारिवारिक जीवन
रामपुर के इतिहासकार काशिफ खान ने बताया कि मेहरून्निसा बेगम का जन्म 24 जनवरी 1933 को हुआ था। वह नवाब रजा अली खान की तीसरी पत्नी की बेटी थीं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मसूरी और लखनऊ में हुई। उन्होंने दो शादियां की थीं पहली शादी भारतीय सिविल सेवा से जुड़े सैयद तकी नकी से और दूसरी शादी पाकिस्तान के एयर चीफ मार्शल अब्दुर्रहीम खान से की। विवाह के बाद 1977 में वे स्थायी रूप से अमेरिका चली गईं।
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चार संतानें, परिवार आज भी विदेश में
मेहरून्निसा बेगम के चार बच्चे थे। उनके बड़े बेटे आबिद खान का निधन पहले ही हो चुका है, जबकि दूसरे बेटे जैन नकी ने उनके अंतिम समय तक देखभाल की। उनकी दो बेटियां जैबा हुसैन और मरयम खान (अमेरिका में ही रह रही हैं। रामपुर शाही परिवार की बहू और पूर्व सांसद बेगम नूरबानो ने मेहरून्निसा बेगम के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “नवाबजादी मेहरून्निसा शाही परंपरा, संस्कृति और गरिमा की प्रतीक थीं। उनका निधन एक युग का अंत है। इसी तरह, नवाब रजा अली खान के पौत्र और पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां ने इसे परिवार की “अपूर्णीय क्षति” बताया।
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रामपुर रियासत की विरासत
आजादी से पहले रामपुर रियासत उत्तर भारत की एक प्रमुख रियासत थी। इसकी स्थापना नवाब अली मोहम्मद खान ने की थी। रामपुर के नवाबों का प्रशासनिक तंत्र इतना मजबूत था कि उनके पास अपनी फौज रेलवे, बिजलीघर और अदालतें थीं। आखिरी नवाब रजा अली खान ने 1949 में रामपुर रियासत को भारत गणराज्य में मिला दिया। उनके बेटे जुल्फिकार अली खान जिन्हें मिकी मियां कहा जाता था, ने बाद में राजनीति में कदम रखा और कई बार कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने। उनकी पत्नी बेगम नूरबानो ने भी दो बार रामपुर से लोकसभा चुनाव जीता।
आगरा के मिशनरी स्कूलों में करोड़ों की फीस गबन: निजी कंपनी बनाकर संपत्ति जुटाई, धर्मांतरण कराने की शिकायत
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Agra Missionary Schools: आगरा में मिशनरी स्कूलों को लेकर एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि इन स्कूलों में छात्रों से वसूली गई करोड़ों रुपये की फीस को निजी कंपनी बनाकर गबन किया गया है। इन पैसों का इस्तेमाल न केवल अकूत संपत्ति बनाने में किया गया, बल्कि धर्मांतरण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी किया गया। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें
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