लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल सपा पर आपसी साठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि इन दोनों ही पार्टियों की राजनीति हमेशा एक दूसरे की पूरक रही है। मायावती ने यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि भाजपा खासकर उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार की घोर विफलताओं पर पर्दा डालने और ध्यान बंटाने के लिए सपा से अंदरूनी मिलीभगत और सांठगांठ करके जिन्ना और अयोध्या पुलिस गोलीबारी जैसे अनेक अन्य नए-नए गढ़े हुए सांप्रदायिक और धार्मिक मुद्दों को उठाने का पूरा प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसा इसलिए कर रही है ताकि विधानसभा चुनाव हिंदू—मुस्लिम के मुद्दे पर केंद्रित हो जाए।
उन्होंने कहा, ”यह इन दोनों पार्टियों का अंदर-अंदर प्रयास चल रहा है जो स्वाभाविक तौर पर सपा और भाजपा की स्वार्थ की राजनीति को पुनः उजागर करता है। यह सही है कि सपा और भाजपा की राजनीति हमेशा एक दूसरे की पूरक रही है और इन दोनों पार्टियों की सोच जातिवादी एवं सांप्रदायिक होने के कारण इनका अस्तित्व एक दूसरे पर ही आधारित रहा है। इसी कारण जब सपा सत्ता में होती है तो भाजपा मजबूत होती है और जब बसपा सत्ता में रहती है तो भाजपा कमजोर होती है।’’
हम सपा और भाजपा में कोई फर्क नहीं समझते है। ये दोनों पार्टी एक ही सिक्के के दो पहलू है। ये दोनों पार्टी चुनाव को हिंदू-मुस्लिम करना चाहती है। जैसे 2007 में हमें पूर्ण बहुमत मिला था, वैसे ही बहुमत हमें इस बार भी मिलने वाला है: BSP प्रमुख मायावती, लखनऊ pic.twitter.com/VwRUcO4gLj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 9, 2021
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि जनता अब सपा और भाजपा से काफी सजग भी है। उन्होंने कहा कि बसपा को यह पूरी उम्मीद भी है कि अब प्रदेश की जनता इनके इस प्रकार के किसी भी षड्यंत्र का शिकार होने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही भाजपा और अन्य बसपा विरोधी पार्टियों का प्रदेश की जनता को हर प्रकार से लुभाने और बरगलाने का जबरदस्त नाटक शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने पिछले डेढ़-दो महीनों में अनगिनत घोषणाएं और शिलान्यास तथा आधे-अधूरे कार्यों का उद्घाटन और लोकार्पण किया है। उन्होंने कहा कि यह इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार को दर्शाता है।
मायावती ने कहा कि बसपा को छोड़कर सभी विपक्षी पार्टियों ने भी चुनाव की घोषणा होने से बहुत पहले प्रदेश की जनता को लुभाने के लिए घोषणाएं और वादे किए हैं। उन्होंने कहा कि वे भी उनके लिए अनेक सवाल खड़े करता है। उन्होंने कहा, ‘‘सपा की तरह कांग्रेस ने भी प्रदेश की जनता को तरह-तरह के प्रलोभन और चुनावी वादे किए हैं। अगर कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में भी अपने लंबे शासनकाल में अपने 50 प्रतिशत भी चुनावी वादे पूरे कर दिए होते तो आज यह पार्टी केंद्र और उत्तर प्रदेश समेत देश के अधिकांश राज्यों की सत्ता से बाहर नहीं होती।’’ बसपा अध्यक्ष ने कहा कि सपा आगामी विधानसभा चुनाव में 400 और भाजपा 300 सीटें जीतने का दावा कर रही है जो कि बचकाना और हवा हवाई है। उन्होंने कहा कि इस लिहाज से देखें तो चुनाव आयोग को विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ाकर लगभग 1000 ही कर देनी चाहिए।