हाइलाइट्स
- BSP के सांगठनिक पुनर्गठन और आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति
- अपने भतीजे आकाश आनंद को चीफ नेशनल को-ऑर्डिनेटर नियुक्त कर दिया
- नुशासन का उल्लंघन करने पर आकाश आनंद को BSP से बाहर कर दिया गया
Akash Anand BSP: बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को पार्टी की राष्ट्रीय बैठक में बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को चीफ नेशनल को-ऑर्डिनेटर नियुक्त कर दिया है। यह नियुक्ति BSP के सांगठनिक पुनर्गठन और आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति के लिहाज से अहम मानी जा रही है।
आकाश आनंद की BSP में फिर एंट्री
कुछ महीने पहले पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने पर आकाश आनंद को BSP से बाहर कर दिया गया था। लेकिन बाद में सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के बाद मायावती ने उन्हें दोबारा पार्टी में जगह दी। अब उन्हें फिर से एक बड़े पद पर नियुक्त करना मायावती की ओर से पूर्ण विश्वास का संकेत माना जा रहा है।
आकाश आनंद को रिपोर्ट करेंगे नए राष्ट्रीय को-ऑर्डिनेटर
बैठक में पार्टी ने तीन नए नेशनल को-ऑर्डिनेटर भी नियुक्त किए हैं, जो सीधे आकाश आनंद को रिपोर्ट करेंगे। इससे साफ है कि पार्टी अब उन्हें युवा नेतृत्व के रूप में आगे बढ़ाने की तैयारी में है।
यूपी-बिहार चुनाव को लेकर चर्चा
इस हाई लेवल मीटिंग में देशभर के BSP प्रभारी, मंडल अध्यक्ष, राज्य अध्यक्ष और सभी कोऑर्डिनेटर्स मौजूद रहे।
- बिहार में दलित वोट बैंक को फिर से सक्रिय करना
- उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण-दलित समीकरण को धार देना
- 2027 के विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार करना
- राजनीतिक जानकार इस बैठक को BSP के लिए “नई सियासी चाल” और “संगठन के पुनर्गठन” से जोड़कर देख रहे हैं।
2027 चुनाव पर टिकी मायावती की नजर
BSP ने लोकसभा चुनाव 2024 में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन अब पार्टी की पूरी रणनीति 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर केंद्रित होती दिख रही है। दिल्ली की यह बैठक उस दिशा में पार्टी की गंभीरता को दर्शाती है।
Monad University Raid: फर्जी डिग्री रैकेट में मोनाड यूनिवर्सिटी पर STF का बड़ा एक्शन, हिरासत में चेयरमैन समेत 12 लोग
उत्तर प्रदेश की मोनाड यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों में है। एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने शनिवार को फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र जारी करने के गंभीर आरोपों में यूनिवर्सिटी पर बड़ी छापेमारी की। लखनऊ और मेरठ की संयुक्त एसटीएफ टीम ने यह कार्रवाई की, जो करीब चार घंटे तक चली। इस दौरान यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा समेत कुल 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है। पढ़ने के लिए क्लिक करें