रिपोर्ट, आलोक राय, लखनऊ
हाइलाइट्स
- मंत्री संजय निषाद का विवादित बयान
- कहा- ‘सात दरोगा के हाथ-पैर तुड़वाकर यहां पहुंचा हूं’
- “सपा को सोचना चाहिए कि वे औरंगजेब को आदर्श मानते हैं या भगवान कृष्ण को।
SANJAY NISHAD: उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने एक बार फिर विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोरी हैं। मंगलवार को सुल्तानपुर के चांदा बाजार में जनाधिकार यात्रा के दौरान आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हम यहां ऐसे नहीं पहुंचे हैं, सात दरोगा के हाथ-पैर तुड़वाकर उसे गड्ढे में फेंकवा कर तब मैं यहां पहुंचा हूं।” यह बयान सुनकर लोगों के बीच हड़कंप मच गया।
संजय निषाद इन दिनों अपने समाज को संगठित करने के लिए जनाधिकार यात्रा निकाले हुए हैं। इस दौरान उन्होंने सुल्तानपुर के कई इलाकों में छोटी-छोटी सभाओं को संबोधित किया। चांदा बाजार में दिए गए इस बयान के बाद उनकी आलोचना शुरू हो गई है।
Day 110 संवैधानिक अधिकार न्याय यात्रा… 🚩
आज सुल्तानपुर के कादीपुर सरदार पटेल चौक पर संवैधानिक अधिकार न्याय यात्रा का हुआ भव्य स्वागत।#संवैधानिकअधिकार #संवैधानिक_अधिकार_यात्रा #संवैधानिकअधिकार #samvaidhanikadhikaryatra #संवैधानिकअधिकारयात्रा#nishadadhiveshan #nishadekta… pic.twitter.com/0lATs75HEl
— Dr. Sanjay Kumar Nishad (@mahamana4u) March 18, 2025
सपा पर निशाना
इससे पहले, मीडिया से बातचीत करते हुए संजय निषाद ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “सपा को सोचना चाहिए कि वे औरंगजेब को आदर्श मानते हैं या भगवान कृष्ण को। हम लोग निषादराज को अपना आदर्श मानते हैं। आज भगवान राम को आदर्श मानने वाली सत्ता चल रही है।” उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग सपा को ‘समाप्तवादी पार्टी’ बना रहे हैं और ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने दलबदलुओं पर भी निशाना साधते हुए कहा, “दल वाले साथ रहेंगे, दलबदलू दल बदलते रहेंगे।”
जनाधिकार यात्रा का उद्देश्य
संजय निषाद ने बताया कि निषाद पार्टी की संवैधानिक अधिकार रथ यात्रा सहारनपुर से शुरू होकर सोनभद्र तक जाएगी। यह यात्रा मछुआ समाज के आरक्षण और अन्य लंबित मुद्दों को लेकर निकाली गई है। उन्होंने कहा कि इतिहास में क्रूरता के उदाहरणों को पढ़ाया जाना चाहिए, लेकिन उन पर जश्न मनाना या मेला लगाना सही नहीं है।
विवादों में घिरे संजय निषाद
संजय निषाद पहले भी कई बार विवादित बयान दे चुके हैं। इस बार उनके बयान ने एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने उनके बयान की कड़ी निंदा की है और मांग की है कि सरकार को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
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