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UP NEET Admission 2025 Cancel: इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, यूपी के 4 मेडिकल कॉलेजों में NEET 2025 के दाखिले रद्द

UP NEET Admission 2025 Cancel: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी सरकार को बड़ा झटका देते हुए कन्नौज, अंबेडकरनगर, सहारनपुर और जालौन मेडिकल कॉलेजों में NEET 2025 एडमिशन रद्द कर दिए हैं।

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Shaurya Verma
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हाइलाइट्स

  • हाईकोर्ट ने यूपी के 4 मेडिकल कॉलेजों में दाखिले रद्द
  • NEET 2025 एडमिशन पर 79% आरक्षण आदेश असंवैधानिक
  • काउंसलिंग बोर्ड की आपात बैठक, नए सिरे से प्रवेश
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UP NEET Admission 2025 Cancel: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ा झटका देते हुए कन्नौज, अंबेडकरनगर, सहारनपुर और जालौन मेडिकल कॉलेज में हुए NEET 2025 एडमिशन को रद्द कर दिया है। अदालत ने राज्य सरकार के उस विशेष आरक्षण शासनादेश को असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया, जिसके तहत इन कॉलेजों में 79 फीसदी से ज्यादा आरक्षण लागू किया गया था।

विशेष आरक्षण पर हाईकोर्ट की टिप्पणी

हाईकोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार का स्पेशल कंपोनेंट प्लान (SCP) के अंतर्गत जारी आदेश संवैधानिक मानकों पर खरा नहीं उतरता। कोर्ट ने इसे अवैध करार देते हुए साफ किया कि इस आदेश के आधार पर हुए सभी दाखिले अब मान्य नहीं होंगे।

सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में

इस फैसले से NEET 2025 काउंसलिंग के जरिए दाखिला पाने वाले सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। चारों मेडिकल कॉलेजों की लगभग 340 सीटों पर प्रवेश रद्द कर दिया गया है। दाखिला रद्द होने से छात्रों और उनके अभिभावकों में गहरी चिंता है क्योंकि इसका सीधा असर उनके पूरे शैक्षणिक सत्र पर पड़ेगा।

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याचिका और कोर्ट का फैसला

यह फैसला न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने नीट अभ्यर्थी साबरा अहमद की याचिका पर सुनाया। याचिकाकर्ता ने NEET 2025 में 523 अंक प्राप्त किए थे और उनकी ऑल इंडिया रैंक 29061 रही थी। उन्होंने दलील दी कि राज्य सरकार के कोटे की 85 सीटों में से केवल 7 सीटें ही अनारक्षित वर्ग के लिए रखी गई थीं।

राज्य सरकार का तर्क और कोर्ट का जवाब

राज्य सरकार ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट के इंदिरा साहनी केस में 50% आरक्षण सीमा को अंतिम नहीं माना गया था। लेकिन हाईकोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया और कहा कि 79 फीसदी आरक्षण संवैधानिक सीमा से परे है और इसे केवल कानूनी प्रक्रिया से ही बढ़ाया जा सकता है।

काउंसलिंग बोर्ड की आपात बैठक

हाईकोर्ट के आदेश के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने काउंसलिंग बोर्ड की आपात बैठक बुलाई है। विभाग का कहना है कि फैसले पर जल्द ही विधिक राय ली जाएगी और छात्रों के हित को देखते हुए आगे की रणनीति तय की जाएगी।

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विशेष योजना के तहत खोले गए थे कॉलेज

गौरतलब है कि कन्नौज, अंबेडकरनगर, सहारनपुर और जालौन के मेडिकल कॉलेज स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत शुरू किए गए थे। इन कॉलेजों में सरकार ने पिछड़े वर्ग और दलित छात्रों के लिए विशेष आरक्षण लागू किया था। लेकिन सामान्य वर्ग की सीटें बहुत कम होने के कारण विवाद खड़ा हो गया था।

अब नए सिरे से होगी काउंसलिंग

हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि अब इन चारों मेडिकल कॉलेजों में दाखिला आरक्षण अधिनियम 2006 के तहत किया जाएगा। यानी सीटों का पुनर्वितरण होगा और NEET 2025 काउंसलिंग नए सिरे से कराई जाएगी।

पहले चरण में 4442 सीटों पर एडमिशन

प्रदेश के राजकीय और स्वशासी मेडिकल कॉलेजों एवं चिकित्सा संस्थानों में MBBS Admission 2025 के पहले चरण में 4442 सीटों पर दाखिले की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित कोटा (Freedom Fighter Quota in NEET) के तहत 2% क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था है। इस श्रेणी में कुल 88 सीटें निर्धारित थीं, जिनमें से 79 सीटें ऑनलाइन काउंसिलिंग के जरिए आवंटित हुईं और 71 छात्रों ने दाखिला ले लिया।

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आगरा से हुआ खुलासा, जांच में सामने आए फर्जी प्रमाण पत्र

फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, फिरोजाबाद में एक छात्र का प्रमाण पत्र संदिग्ध पाया गया। यह प्रमाण पत्र आगरा से जारी हुआ था। जिलाधिकारी (DM Agra) ने सत्यापन रिपोर्ट में इसे फर्जी करार दिया। इसके बाद अन्य जिलों के अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की भी जांच कराई गई।

जांच आगरा, गाजीपुर, बलिया, भदोही, मेरठ, सहारनपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद और बुलंदशहर के जिलाधिकारियों से कराई गई। रिपोर्ट में 64 प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए।

जिलों से आए फर्जी प्रमाण पत्रों का ब्योरा

मेरठ से सबसे ज्यादा 15 फर्जी प्रमाण पत्र मिले।

सहारनपुर और बलिया से 12-12 प्रमाण पत्र फर्जी निकले।

भदोही और गाजीपुर से 9-9 प्रमाण पत्र पाए गए।

वाराणसी से 3 प्रमाण पत्र, गाजियाबाद से 2 प्रमाण पत्र, जबकि आगरा और बुलंदशहर से 1-1 प्रमाण पत्र फर्जी मिला।

काउंसिलिंग बोर्ड का बड़ा निर्णय

जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (DGME) के काउंसिलिंग बोर्ड ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी 71 छात्रों का दाखिला निरस्त कर दिया। इसके अलावा निर्णय लिया गया है कि आगामी काउंसिलिंग चक्रों में भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित उपश्रेणी के सभी प्रमाण पत्रों का जिलाधिकारी से अनिवार्य सत्यापन कराया जाएगा। जिनके प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाएंगे, उन्हें काउंसिलिंग से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।

कई चरणों की जांच के बावजूद फर्जीवाड़ा

गौरतलब है कि NEET UG Counselling 2025 में प्रमाण पत्रों की जांच के लिए कई स्तर बनाए गए हैं। ऑनलाइन आवेदन के बाद 11 नोडल सेंटरों पर जांच होती है और इसके बाद संबंधित मेडिकल कॉलेज में दाखिले के समय भी सत्यापन किया जाता है। इसके बावजूद अभ्यर्थी फर्जी दस्तावेज लगाकर MBBS में दाखिला लेने में सफल हो गए।

FIR के आदेश, जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई

DGME किंजल सिंह ने साफ निर्देश दिए हैं कि जिन छात्रों ने फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर MBBS एडमिशन लिया है, उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाए। साथ ही, जिलाधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है ताकि इस पूरे फर्जीवाड़े में शामिल लोगों की जिम्मेदारी तय की जा सके।

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