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लखनऊ CBI ऑफिस में बाण से हमला: एंट्री न मिलने पर ASI को तीर मारा, कहा- रेलवे ट्रैप में नौकरी ले ली, 32 साल से इंतजार था

CBI Office Bow-Arrow Attack Lucknow: लखनऊ में CBI ऑफिस के बाहर एक व्यक्ति ने धनुष-बाण से हमला कर दिया, जिससे ASI वीरेंद्र सिंह घायल हो गए। आरोपी दिनेश मुर्मू का दावा है कि वह 32 साल से CBI से बदला लेने की योजना बना रहा था।

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Bansal news
लखनऊ CBI ऑफिस में बाण से हमला: एंट्री न मिलने पर ASI को तीर मारा, कहा- रेलवे ट्रैप में नौकरी ले ली, 32 साल से इंतजार था

हाइलाइट्स

  • CBI ऑफिस में ASI पर किया धनुष-बाण से हमला
  • 32 साल से बदला लेना चाहता था आरोपी दिनेश मुर्मू
  • साल 1993 में रेलवे ट्रैप केस में उसकी नौकरी गई
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CBI Office Bow-Arrow Attack Lucknow: राजधानी लखनऊ में शुक्रवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब हजरतगंज स्थित CBI कार्यालय के बाहर एक व्यक्ति ने धनुष-बाण से हमला कर दिया। हमले में CBI के वरिष्ठ ASI वीरेंद्र सिंह घायल हो गए। आरोपी की पहचान दिनेश मुर्मू के रूप में हुई है, जो बिहार के मुंगेर जिले के खड़गपुर का रहने वाला है।

हमलावर दिनेश का दावा है कि वह पिछले 32 वर्षों से CBI से बदला लेने की फिराक में था। उसका कहना है कि साल 1993 में रेलवे ट्रैप केस में उसकी नौकरी चली गई थी, और इसके पीछे CBI ही जिम्मेदार थी।

धनुष-बाण लेकर पहुंचा CBI दफ्तर  

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यह घटना सुबह करीब 11:15 बजे की है। ASI वीरेंद्र सिंह नवल किशोर रोड स्थित CBI दफ्तर के गेट पर तैनात थे। तभी एक व्यक्ति कंधे पर धनुष-बाण लिए दफ्तर में घुसने की कोशिश करने लगा। रोकने पर वह अधिकारियों से मिलने की बात कहने लगा। जब उसकी पहचान पूछी गई तो वह टालमटोल करने लगा और वहां से चला गया।

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कुछ ही देर बाद उसने पास के पेड़ की आड़ से ASI पर तीर चला दिया, जो उनके सीने में जा लगा। उन्हें तुरंत सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों के अनुसार 5 सेमी गहरा घाव हुआ है लेकिन उनकी स्थिति स्थिर है और खतरे से बाहर हैं।

1993 का केस, 32 साल की पीड़ा 

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आरोपी दिनेश मुर्मू ने पुलिस को बताया कि वह 1993 में रेलवे में कार्यरत था। उसने एक कर्मचारी सीताराम गुप्ता को रिश्वत लेते पकड़ा और इसकी शिकायत की। मामला CBI को सौंपा गया, लेकिन जांच में उसे भी दोषी ठहराते हुए नौकरी से निकाल दिया गया।

दिनेश का आरोप है कि वह निर्दोष था, पर उसे जबरदस्ती फंसाया गया। उसने कहा, "CBI ने मेरी नौकरी, परिवार और सम्मान सब छीन लिया। मैं पौराणिक न्याय का दूत हूं। जैसे राम ने अन्याय के खिलाफ तीर उठाया, वैसे ही मैंने भी उठाया है।"

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आरोपी का कोई पछतावा नहीं

पुलिस पूछताछ में दिनेश ने अपने किए पर कोई पछतावा नहीं जताया। उसने कहा कि वह CBI दफ्तर के अंदर जाकर अधिकारियों से मिलना चाहता था, लेकिन रोके जाने पर उसने हमला कर दिया। उसने यह भी बताया कि धनुष-बाण वह घर से ही लाया था।

CBI अधिकारी खतरे से बाहर 

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हमले में घायल सीनियर ASI वीरेंद्र सिंह CBI में पिछले 25 वर्षों से सेवा दे रहे हैं। वे नियमप्रिय, निडर और ईमानदार अधिकारी माने जाते हैं। सिविल अस्पताल के प्रमुख डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि घायल ASI की स्थिति फिलहाल स्थिर है और उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।

पुलिस जांच में जुटी

लखनऊ पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। यह मामला केवल हमला नहीं, बल्कि तीन दशकों से पल रहे एक आक्रोश और मानसिक पीड़ा की गहराई को भी दर्शाता है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि दिनेश मुर्मू मानसिक रूप से स्वस्थ है या नहीं।

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