हाइलाइट्स
- यूपी विधानसभा मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक
- विपक्ष सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी में
- योगी सरकार नए विधेयक और योजनाएं पेश करेगी
UP Assembly Monsoon Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 2025 11 अगस्त से शुरू होगा, लेकिन उससे पहले आज लखनऊ में एक महत्वपूर्ण सर्वदलीय बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विपक्ष के नेता, और सभी प्रमुख दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य सत्र की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी दलों के बीच आपसी समन्वय और संवाद स्थापित करना है।
आज ही कार्यमंत्रणा समिति (Business Advisory Committee) की बैठक भी होगी, जिसमें मानसून सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों और विधेयकों के एजेंडे पर चर्चा होगी।
सर्वदलीय बैठक का महत्व
हर सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक एक परंपरा के रूप में होती है, लेकिन इस बार इसका महत्व और भी बढ़ गया है। मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश होने की संभावना है। विपक्ष सरकार को कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं, महंगाई, और हालिया प्राकृतिक आपदाओं जैसे मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है।
बैठक में कौन-कौन होगा शामिल?
इस सर्वदलीय बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस, और अन्य छोटे दलों के नेता शामिल होंगे।
भाजपा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री, संसदीय कार्य मंत्री, और विधानसभा के मुख्य सचेतक।
सपा: विपक्ष के नेता अखिलेश यादव या उनके प्रतिनिधि वरिष्ठ नेता।
बसपा: विधानमंडल दल के नेता।
कांग्रेस: प्रदेश अध्यक्ष या विधानमंडल दल के नेता।
कार्यसूची और एजेंडा
आज की बैठक में मानसून सत्र 2025 के एजेंडे पर चर्चा होगी, जिसमें शामिल होंगे:
बजट संशोधन और वित्तीय प्रस्तावों की मंजूरी
कृषि, सिंचाई और बिजली से जुड़े विधेयक
स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा से संबंधित नीतिगत प्रस्ताव
विपक्ष की रणनीति
सपा: कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी, और किसानों के बकाया गन्ना भुगतान।
बसपा: दलित उत्पीड़न और सामाजिक न्याय के मुद्दे।
कांग्रेस: महिला सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति, और शिक्षा सुधार।
इन मुद्दों पर सदन में तीखी बहस और संभावित हंगामा होने की संभावना है।
सरकार की तैयारी
योगी सरकार इस सत्र को विकासपरक संदेश देने के अवसर के रूप में देख रही है। सरकार अपने पिछले महीनों में लागू योजनाओं और नई नीतियों को सदन में प्रस्तुत करेगी। साथ ही, डिजिटल सेवाओं के विस्तार, महिला सुरक्षा, और उद्योग निवेश बढ़ाने के लिए नए विधेयक भी पेश हो सकते हैं।
पिछले सत्रों से सबक
पिछले कुछ सत्रों में सत्ता और विपक्ष के टकराव से कार्यवाही बाधित हुई थी। इस बार मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष चाहते हैं कि अधिक समय विधायी कार्यों और बहस में लगे, न कि नारेबाजी में।
जनता और मीडिया की नजर
चूंकि मानसून सत्र में राज्य की नीतियों की दिशा तय होती है, इसलिए जनता और मीडिया की नजर इस पर टिकी है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि उनके मुद्दे सदन में उठेंगे और समाधान की दिशा में कदम बढ़ेंगे।
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