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Hair Transplant Death Case: हेयर ट्रांसप्लांट के बाद एक और इंजीनियर की मौत, डॉक्टर अनुष्का तिवारी पर लापरवाही के आरोप

Uttar Pradesh Kanpur Engineer Hair Transplant Death Case; उत्तर प्रदेश के कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया के दौरान एक और इंजीनियर की मौत का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है।

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anurag dubey
Hair Transplant Death Case: हेयर ट्रांसप्लांट के बाद एक और इंजीनियर की मौत, डॉक्टर अनुष्का तिवारी पर लापरवाही के आरोप

रिपोर्ट- अनुराग श्रीवास्तव, कानपुर

हाइलाइट्स

  • हेयर ट्रांसप्लांट के महज 24 घंटे के भीतर हो गई मौत
  • मयंक की मां का दर्द “मेरे बेटे की जान लापरवाही ने ले ली
  • पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना विनीत दुबे की मौत
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Hair Transplant Death Case: उत्तर प्रदेश के कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया के दौरान एक और इंजीनियर की मौत का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। फर्रुखाबाद निवासी इंजीनियर मयंक कटियार की मौत डॉक्टर अनुष्का तिवारी के “अंपायर हेयर ट्रांसप्लांट क्लीनिक” में कराए गए हेयर ट्रांसप्लांट के महज 24 घंटे के भीतर हो गई। मृतक के परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही, गलत इलाज और गैर-पेशेवर रवैये के गंभीर आरोप लगाए हैं। यह घटना शहर में निजी क्लीनिकों की विश्वसनीयता और मेडिकल प्रोटोकॉल पर सवाल उठा रही है।

मयंक की मां का दर्द “मेरे बेटे की जान लापरवाही ने ले ली”

मयंक की मां प्रमोदिनी कटियार ने रोते हुए बताया, “मेरा बेटा 18 नवंबर 2024 को सुबह 8 बजे डॉक्टर अनुष्का तिवारी के क्लीनिक में हेयर ट्रांसप्लांट के लिए गया था। प्रक्रिया के बाद उसे तेज सिरदर्द और चेहरे पर सूजन की शिकायत हुई। मयंक ने बार-बार डॉक्टर को फोन किया, लेकिन डॉक्टर ने हर बार यही कहा कि ‘सब ठीक है, चिंता न करें।’ जब हालत बिगड़ने लगी, तो डॉक्टर ने कार्डियोलॉजिस्ट को दिखाने की सलाह दी। लेकिन 19 नवंबर की सुबह मेरे बेटे की मौत हो गई।” प्रमोदिनी ने आगे कहा, “डॉक्टर ने मोटी फीस ली, लेकिन इलाज में लापरवाही बरती। मौत के बाद उसने हमारा नंबर ब्लॉक कर दिया और फोन स्विच ऑफ कर लिया।

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मयंक, जो कानपुर के प्राणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (PSIT) से बीटेक ग्रेजुएट थे, अपने परिवार का इकलौता सहारा थे। उनके पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी थी, और मयंक ही परिवार की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उनकी मां का कहना है, “मेरा बेटा पूरी तरह स्वस्थ था। उसकी जान इस लापरवाही ने ले ली।”

पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना विनीत दुबे की मौत

यह पहला मामला नहीं है जब डॉक्टर अनुष्का तिवारी पर हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान लापरवाही का आरोप लगा हो। इससे पहले, 15 मार्च 2025 को पनकी पावर हाउस में कार्यरत इंजीनियर विनीत दुबे की भी हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान मौत हो गई थी। विनीत की पत्नी जया दुबे ने बताया कि उनके पति ने 12 मार्च को अनुष्का के क्लीनिक में हेयर ट्रांसप्लांट करवाया था, जिसके बाद उनके चेहरे पर भयानक सूजन आ गई और इंफेक्शन के कारण उनकी मृत्यु हो गई। जया ने 56 दिन तक थानों और अधिकारियों के चक्कर काटने के बाद रावतपुर थाने में 9 मई को डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।

विनीत की तरह मयंक के परिजनों का भी आरोप है कि डॉक्टर ने जरूरी मेडिकल जांच, जैसे एलर्जी टेस्ट, नहीं किए और गैर-पेशेवर तरीके से प्रक्रिया पूरी की। मयंक के भाई कुशाग्र कटियार ने कहा, “मेरा भाई स्वस्थ था। अगर डॉक्टर ने सही इलाज किया होता, तो वह आज हमारे साथ होता। हम चाहते हैं कि डॉक्टर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो ताकि कोई और परिवार इस दर्द से न गुजरे।”

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[caption id="attachment_817209" align="alignnone" width="708"]आरोपी डॉक्टर आरोपी डॉक्टर[/caption]

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डॉक्टर की डिग्री पर सवाल, क्लीनिक बंद

चौंकाने वाली बात यह है कि डॉक्टर अनुष्का तिवारी की मेडिकल योग्यता पर भी सवाल उठ रहे हैं। जांच में सामने आया है कि वह मूल रूप से डेंटिस्ट हैं और उनके पास हेयर ट्रांसप्लांट जैसी विशेष प्रक्रिया के लिए आवश्यक डिग्री या लाइसेंस नहीं हो सकता। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, अनुष्का बिना मेडिकल डिग्री के क्लीनिक चला रही थीं और हेयर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया को कारीगरों के जरिए कम खर्चे में करवाती थीं।

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विनीत दुबे की मौत के बाद जब मामला सुर्खियों में आया, तो अनुष्का ने अपने क्लीनिक का बोर्ड हटा लिया और क्लीनिक बंद कर दिया। पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजा, लेकिन वह पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुईं। स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में बिना मान्यता के चल रहे ऐसे क्लीनिक लोगों की जान के लिए खतरा बन रहे हैं।

परिजनों की मांग “न्याय चाहिए, ताकि और मौतें न हों

मयंक के परिवार को सबसे ज्यादा पछतावा इस बात का है कि उन्होंने उस समय पोस्टमार्टम नहीं कराया, जिसके कारण तत्काल कोई शिकायत दर्ज नहीं हो सकी। लेकिन विनीत दुबे के मामले के सामने आने के बाद उन्होंने हिम्मत जुटाई और पुलिस में शिकायत दर्ज करने का फैसला किया। परिवार ने बुधवार को सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अभिषेक पांडे से मुलाकात की, जो विनीत केस की जांच कर रहे हैं।

प्रमोदिनी ने कहा, “हमने अपने बेटे को खो दिया, लेकिन हम नहीं चाहते कि कोई और मां अपने बच्चे को इस तरह खोए। ऐसे क्लीनिकों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।” कुशाग्र ने मांग की कि डॉक्टर की डिग्री की जांच हो, क्लीनिक का लाइसेंस रद्द किया जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।

हेयर ट्रांसप्लांट कितना सुरक्षित, क्या हैं जोखिम?

हेयर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक संवेदनशील प्रक्रिया है, जिसमें प्रशिक्षित और लाइसेंस प्राप्त डॉक्टर की जरूरत होती है। नोएडा के वरिष्ठ हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. निशांत ने बताया, “हेयर ट्रांसप्लांट सुरक्षित हो सकता है, बशर्ते मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन हो। मरीज की मेडिकल हिस्ट्री, एलर्जी टेस्ट और प्रक्रिया के बाद नियमित फॉलो-अप जरूरी हैं। सस्ते पैकेज के लालच में अप्रशिक्षित लोगों के पास जाना जानलेवा हो सकता है।”विशेषज्ञों के अनुसार, बिना जांच के सर्जरी से इंफेक्शन, सूजन, ब्लीडिंग और यहां तक कि मृत्यु का खतरा हो सकता है।

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पुलिस जांच और जनता में आक्रोश

पुलिस ने विनीत दुबे के मामले में डॉक्टर अनुष्का तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और मयंक के मामले में भी तहरीर मिलने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है। एसीपी अभिषेक पांडे ने बताया, “हम मामले की गहन जांच कर रहे हैं। डॉक्टर की योग्यता और क्लीनिक के लाइसेंस की भी जांच की जा रही है।” सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है। कई यूजर्स ने निजी क्लीनिकों में मेडिकल मानकों की कमी और लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। एक यूजर ने लिखा, “सस्ते इलाज के नाम पर लोगों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। ऐसे क्लीनिकों पर तुरंत कार्रवाई हो।”

क्या है जनता से अपील?

यह घटना एक बार फिर चेतावनी है कि हेयर ट्रांसप्लांट या किसी भी मेडिकल प्रक्रिया से पहले क्लीनिक और डॉक्टर की विश्वसनीयता की जांच जरूरी है। जनता से अपील है कि:

  • केवल प्रमाणित और अनुभवी डॉक्टर से ही इलाज करवाएं।
  • क्लीनिक का लाइसेंस और डॉक्टर की डिग्री की पुष्टि करें।
  • सर्जरी से पहले सभी जरूरी मेडिकल जांच करवाएं।
  • सस्ते पैकेज के लालच में पड़ने से बचें।

मयंक और विनीत की मौत ने न केवल उनके परिवारों को तोड़ दिया है, बल्कि यह समाज के लिए एक सबक भी है। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन और पुलिस इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों? जनता की नजरें अब जांच के परिणाम और न्याय पर टिकी हैं।

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