हाइलाइट्स
- शादी पढ़ाई ब्राह्मणों का काम, यादव छीनेगा तो होगा विवाद
- तर्क दिया कि वह ब्राह्मण बनकर कथावाचन कर रहा था
- कथावाचक के पास दो आधार कार्ड मिले
OP Rajbhar: इटावा के दादरपुर गांव में कथावाचक की जातिगत पिटाई और अपमान का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर अब उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि “शादी और पूजा-पाठ कराने का काम ब्राह्मणों का है, यदि इसे यादव समाज का व्यक्ति करेगा तो दिक्कत तो होगी ही।” मंत्री राजभर ने घटना की निंदा तो की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि हर जाति का समाज में एक काम होता है और उसी के अनुसार सबको चलना चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
घटना 22 जून 2025 की है जब इटावा जिले के दादरपुर गांव में एक कथावाचक से पहले जाति पूछी गई और फिर यादव जाति का पता चलने पर उसकी पिटाई की गई। न सिर्फ इतना, कथावाचक का सिर मुंडवाकर गांव से भगा दिया गया। इस कथावाचक के पास दो आधार कार्ड मिले – एक पर नाम मुकुट मणि अग्निहोत्री, पता औरैया और दूसरे पर नाम मुकुट सिंह, पता इटावा था। इस आधार पर कुछ लोगों ने जालसाजी और गलत पहचान का आरोप लगाया और यह तर्क दिया कि वह ब्राह्मण बनकर कथावाचन कर रहा था।
मंत्री ओम प्रकाश राजभर का बयान
राजभर ने कहा,“शादी और पूजा-पाठ कराने का काम ब्राह्मणों का होता है। अगर कोई यादव समाज का व्यक्ति यह काम करेगा तो टकराव तो होगा ही। हर समाज का एक निश्चित कार्य है, उसी के अनुसार समाज में संतुलन बना रहता है।” हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि, “कथावाचक के साथ जो हिंसा हुई, वह गलत है। इस तरह की घटनाएं समाज में नहीं होनी चाहिए।” इस पूरे घटनाक्रम पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी सक्रिय हुए हैं। उन्होंने कथावाचक का सम्मान कर अपनी पार्टी की सामाजिक समरसता की सोच को आगे बढ़ाया है।
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