रिपोर्ट: आशू शर्मा, एटा, उत्तर प्रदेश..
Etah Lekhpal Suspended: एटा के तहसील जलेसर में प्रशासनिक लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां बीएसएफ जवान रमेशचंद्र के दाह संस्कार की सूचना देने में देरी और भूमि चिन्हांकन में लापरवाही के आरोप में एसडीएम जलेसर भावना विमल ने लेखपाल कौशलेन्द्र सिंह को निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद तहसील लेखपाल संघ में आक्रोश व्याप्त है और उन्होंने निलंबन पर नाराजगी जताई है।
क्या है पूरा मामला?
ग्राम नगला केसरी, मजरा तिसार निवासी शहीद जवान रमेशचंद्र, जो बीएसएफ में मणिपुर में तैनात थे, की शहादत की सूचना घरवालों को 13 जनवरी को मिली। उनकी शहादत की खबर से परिवार में कोहराम मच गया। गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, जहां प्रशासन की देखरेख में दाह संस्कार की तैयारियां की जानी थीं।
हालांकि, लेखपाल कौशलेन्द्र सिंह ने इस दौरान उच्चाधिकारियों को समय पर सूचना नहीं दी और शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचने से पहले ही अन्य भूमि पर जेसीबी चलवाकर चिन्हांकन करा दिया। इस लापरवाही से प्रशासन की छवि धूमिल हुई और विवाद की स्थिति बन गई। ग्रामीणों ने शहीद पार्क की मांग को लेकर हंगामा किया और सड़क जाम कर दी।
एसडीएम की कार्रवाई
एसडीएम भावना विमल ने बताया कि लेखपाल की लापरवाही के कारण प्रशासन को बदनामी का सामना करना पड़ा और शहीद के दाह संस्कार स्थल पर तनावपूर्ण माहौल बन गया। इसके अलावा, लेखपाल द्वारा फार्मर रजिस्ट्री और शासन की योजनाओं में भी रुचि नहीं ली जा रही थी।
नायब तहसीलदार अवागढ़ वंसिका सिंह की रिपोर्ट के आधार पर, एसडीएम भावना विमल ने लेखपाल कौशलेन्द्र सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Etah Lekhpal Suspended) कर दिया। निलंबन की अवधि में उन्हें रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय से संबद्ध किया गया है और तहसीलदार जलेसर को मामले की जांच सौंपी गई है।
लेखपाल संघ में आक्रोश
लेखपाल कौशलेन्द्र सिंह के निलंबन के बाद तहसील लेखपाल संघ में भारी आक्रोश है। संघ के सदस्यों ने निलंबन को अनुचित ठहराते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई कर्मचारियों के मनोबल को गिराएगी। संघ ने प्रशासन से लेखपाल के निलंबन (Etah Lekhpal Suspended) पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
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एसडीएम की प्रतिक्रिया
एसडीएम भावना विमल ने बताया कि लेखपाल द्वारा गलत जानकारी देने और ग्रामीणों को भड़काने के आरोप भी सामने आए हैं। इससे विवाद और बढ़ गया। प्रशासन ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है और इस मामले में आगे भी सख्त कदम उठाने की बात कही है।
यह घटना प्रशासनिक लापरवाही और उससे उपजे विवाद की एक मिसाल है, जहां एक शहीद के अंतिम संस्कार में बाधा उत्पन्न हुई। प्रशासन की सख्ती से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की उम्मीद की जा रही है।
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