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हाइलाइट्स
- UP के 5 शहरों में 15 नवंबर से नई बिजली व्यवस्था
- UPPCL बोला— सेवा गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ेगी
- कर्मचारी संगठन बोले— यह निजीकरण की तैयारी
UPPCL New Electricity Model: उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था का बड़ा बदलाव (UP electricity system change) 15 नवंबर से लागू होने जा रहा है। पावर कारपोरेशन UPPCL ने दावा किया है कि नई वर्टिकल व्यवस्था (Vertical Restructuring System) से उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा, तेज समाधान और अधिक पारदर्शिता मिलेगी। हालांकि कर्मचारी संगठन और उपभोक्ता परिषद इसे निजीकरण की तैयारी बता रहे हैं और इसका विरोध कर रहे हैं।
यह नई व्यवस्था राजधानी लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद और सहारनपुर में लागू की जाएगी। इससे पहले यह मॉडल बरेली, मेरठ, कानपुर और अलीगढ़ में लागू किया जा चुका है।
क्या है वर्टिकल व्यवस्था? – बिजली वितरण में बड़ा फेरबदल
नई Vertical Electricity System के तहत किसी भी शहर की विद्युत संबंधी सेवाओं को अलग-अलग टीमों में बांटा जाएगा।
जैसे:
Distribution Team
Billing & Collection Team
New Connection Team
Maintenance Team
अभी तक एक ही एक्सीयन (Executive Engineer) के जिम्मे ये सभी कार्य होते हैं, जिससे कई बार उपभोक्ता शिकायतों के समाधान में देरी होती है। नई व्यवस्था में हर टीम अपनी निर्धारित सेवा पर ही फोकस करेगी, जिससे UP electricity consumer service improvement का दावा किया जा रहा है।
UPPCL का दावा– उपभोक्ताओं को मिलेगी बेहतर सेवा
UPPCL के अनुसार नई व्यवस्था:
बिजली आपूर्ति में पारदर्शिता बढ़ाएगी
सेवाओं को समयबद्ध बनाएगी
उपभोक्ता केंद्रित सिस्टम तैयार करेगी
दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, सूरत जैसे शहरों की तरह आधुनिक ढांचा तैयार करेगी
UPPCL Chairman Dr. आशीष कुमार गोयल ने स्पष्ट किया कि:
किसी कर्मचारी पर थोपकर वर्टिकल व्यवस्था लागू नहीं की जाएगी
जिसकी इच्छा नहीं होगी, उसे किसी अन्य क्षेत्र में समायोजित किया जाएगा
यह निजीकरण का मॉडल नहीं है; सिर्फ संचालन प्रक्रिया में सुधार है
संगठन बोले— ये निजीकरण की तैयारी, तुरंत रोक लगाई जाए
UP Electricity Employees Joint Struggle Committee और Consumer Council दोनों इस व्यवस्था का जोरदार विरोध कर रहे हैं।
संगठनों का आरोप
यह कदम धीरे-धीरे electricity privatization in UP की ओर बढ़ने जैसा है
जहां-जहां निजीकरण हुआ है, बिजली के दाम बढ़े हैं
मुंबई जैसे शहरों में घरेलू उपभोक्ताओं को 17 रुपये प्रति यूनिट तक चुकाने पड़ रहे हैं
उपभोक्ता परिषद ने UP Electricity Regulatory Commission (UPERC) में अर्जेंट प्रस्ताव देकर नई व्यवस्था पर रोक लगाने की मांग की है। परिषद का कहना है कि:
कई शहरों में वर्टिकल मॉडल पहले ही फेल हो चुका है
नियामक की अनुमति के बिना यूपी में इसे लागू करना गलत है
उपभोक्ता सलाह प्रक्रिया पूरी होने तक मॉडल लागू न किया जाए
परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि लखनऊ और नोएडा जैसी अत्यधिक संवेदनशील जगहों पर इस समय व्यवस्था बदलना उचित नहीं है।
प्रबंधन का पलटवार– “गलत जानकारी देकर भ्रम फैलाया जा रहा”
UPPCL का कहना है:
संगठन गलत तथ्यों के सहारे जनता को भड़का रहे हैं
यह सिर्फ middle & west discom restructuring है
न कोई पद समाप्त किया जाएगा और न ही किसी प्रकार का निजीकरण किया जाएगा
नई व्यवस्था में काम कैसे करेगा सिस्टम?
नई UP electricity vertical restructuring में शहरों के लिए इस तरह की व्यवस्था होगी:
हर क्षेत्र के लिए अलग एक्सीयन
अलग कम्प्लेंट नोडल अधिकारी
एक एक्सीयन कई डिवीजन की मॉनिटरिंग करेगा
उपभोक्ताओं की शिकायतें टीम-आधारित प्रक्रिया से हल होंगी
मेंटनेंस टीम सिर्फ तकनीकी समस्या पर काम करेगी
बिलिंग और कलेक्शन टीम सिर्फ वित्तीय प्रक्रिया देखेगी
इससे अधिकारियों पर भार कम होगा और उपभोक्ताओं को समय पर सेवा मिलने की उम्मीद है।
UP Cabinet Decision: UP कैबिनेट का फैसला, बुजुर्गों को घर बैठे मिलेगा वृद्धा पेंशन का लाभ, 20 प्रस्तावों पर लगी मुहर
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शुक्रवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यूपी कैबिनेट की बैठक में 20 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। इनमें सबसे बड़ा फैसला वृद्धा पेंशन को लेकर लिया गया, जिससे लाखों बुजुर्गों को राहत मिलेगी। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें
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