हाइलाइट्स
- पिछली बार 2018-19 में बिजली दरों में औसतन 11.69% की बढ़ोतरी हुई थी।
- उसके बाद से अब तक कोई संशोधन नहीं हुआ है।
- विभाग अब भारी राजस्व घाटे का सामना कर रहा है।
UP Electricity Tariff Hike: उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं को जल्द ही बिजली महंगी मिल सकती है। यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने 25% से ज्यादा बिजली दरों में बढ़ोतरी की मांग की है। कॉरपोरेशन का कहना है कि उसे 25 हजार करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई करनी है, जो वास्तविक वसूली के आधार पर हुआ है।
1.13 लाख करोड़ रुपये का ARR दाखिल
यूपीपीसीएल और उससे जुड़ी वितरण कंपनियां आज उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) में संशोधित वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) दाखिल करेंगी। इससे पहले 2025-26 के लिए 1.13 लाख करोड़ रुपये का ARR दाखिल किया गया था, जिसे आयोग ने 9 मई को स्वीकार कर लिया था।
क्यों मांगी गई बढ़ोतरी?
- वर्तमान बिजली दरें 2019 से लागू हैं और पिछली बार 2018-19 में बिजली दरों में औसतन 11.69% की बढ़ोतरी हुई थी।
- उसके बाद से अब तक कोई संशोधन नहीं हुआ है, जबकि बिजली उत्पादन और वितरण की लागत में लगातार वृद्धि हुई है।
- पावर कॉरपोरेशन के अनुसार, वह अब भारी राजस्व घाटे का सामना कर रहा है, जिसे पूरा करने के लिए बिजली दरें बढ़ाना जरूरी है।
उपभोक्ताओं पर असर
अगर नियामक आयोग UPPCL की मांग मान लेता है तो घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक सभी वर्गों के उपभोक्ताओं को बिजली के लिए अधिक भुगतान करना पड़ेगा। खासकर आम आदमी की जेब पर इसका सीधा असर पड़ सकता है।
- आयोग में ARR दाखिल करने के बाद सार्वजनिक सुनवाई की प्रक्रिया शुरू होगी।
- आम जनता और उपभोक्ता संगठनों को भी अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा।
- इसके बाद आयोग नया टैरिफ आदेश जारी करेगा।