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हाइलाइट्स
- इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी नीति में बदलाव
- Make in UP को रफ्तार देने की तैयारी
- बाहरी राज्य के वाहनों को कोई छूट नहीं
Uttar Pradesh EV Subsidy Policy: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 14 अक्टूबर 2025 से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नई सब्सिडी नीति लागू हो गई है। इस नीति के तहत अब सिर्फ वे वाहन खरीदार लाभ पा सकेंगे जो उत्तर प्रदेश में निर्मित या असेंबल किए गए ईवी खरीदेंगे। राज्य सरकार ने साफ किया है कि बाहर के राज्यों में बने ईवी को किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता या रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट नहीं दी जाएगी।
Make in UP को मिलेगी रफ्तार
सरकार के अनुसार, इस फैसले का मुख्य उद्देश्य “मेक इन यूपी” पहल को बढ़ावा देना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करना है। औद्योगिक विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह निर्णय राज्य को ईवी निर्माण का हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में हजारों युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना और विदेशी निवेश को आकर्षित करना है।
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बाहर की कंपनियों को झटका
नई नीति से महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में स्थित ईवी कंपनियों को झटका लगेगा। पहले ये कंपनियाँ यूपी में वाहन बेचकर सब्सिडी का लाभ ग्राहकों को देती थीं, जिससे उनकी बिक्री बढ़ती थी। अब यह लाभ खत्म होने से यूपी में स्थानीय निर्माता कंपनियों को बढ़त मिलेगी। राज्य सरकार का यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए अहम है, बल्कि यह स्थानीय औद्योगिक विकास को भी गति देगा। राज्य में ईवी उत्पादन बढ़ने से प्रदूषण में कमी और कार्बन फुटप्रिंट में गिरावट आएगी।
1 से 30 नवंबर तक देशभर में चलेगा डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान: 2000 जिलों में लगेगा शिविर, घर-घर पहुंचेगी पेंशन सेवा
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केंद्र सरकार ने 1 नवंबर से 30 नवंबर तक देशभर में पेंशनभोगियों (Pensioners) के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (Digital Life Certificate – DLC) अभियान चलाने की घोषणा की है। यह अभियान 2000 जिलों और उपमंडल मुख्यालयों में आयोजित होगा, जिसका उद्देश्य हर पेंशनभोगी तक घर-घर पहुंचकर सुविधा देना है। इसमें इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB), 19 पेंशन वितरण बैंक और 57 पेंशनभोगी कल्याण संघ मिलकर सहयोग करेंगे। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें
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