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UP Election In Jyotish : योगी या अखिलेश, कौन बनेगा उत्तर प्रदेश नरेश

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Preeti Dwivedi
UP Election In Jyotish : योगी या अखिलेश, कौन बनेगा उत्तर प्रदेश नरेश

लखनऊ। यूपी में 10 फरवरी से UP Election In Jyotish विधानसभा चुनाव की वोटिंग शुरू हो चकुी है। चारों ओर सरगर्मी तेज हो चुकी हैं। हर कोई अपना गुणा भाग लगा रहा है। तो वहीं 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आने हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पाडें भी इस पर अपना गुणाभाग लगा रहे हैं। उनके अनुसार जानने की कोशिश करते है। कि यूपी की कमान किसके हाथों में जाने वाली है। उनके अनुसार 10 मार्च का दिन विंशोत्तरी दशा के अनुसार बीजेपी के लिए अच्छा कहा जा सकता है। बीजेपी की वर्तमान में कुंडली मजबूत है परंतु दशा अंतर्दशा के हिसाब से समाजवादी पार्टी का पड़ला मामूली रुप में भारी है।

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प्रश्न कुंडली के आधार पर बनाई गई हैं दोनों की कुंडली —
मुख्यमंत्री पद के दोनों मुख्य दावेदारों की सही कुंडली प्राप्त न होने के कारण यह भविष्यवाणी प्रश्न कुंडली के आधार पर करने का प्रयास किया जा रहा है।

क्या बीजेपी को बहुमत मिलेगा —
इस सम्बन्ध में पूछे गए प्रश्नों के समय को आधार मानते हुए ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल कुमार पांडे ने दो प्रश्न कुंडलीयां बनाई हैं। जिसमें पहला प्रश्न था, कि क्या 2022 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा के इलेक्शन में बीजेपी को बहुमत मिलेगा। यह प्रश्न कुंडली मेष लग्न की बनी है। दूसरे भाव में उच्च का राहु है। चौथे भाव में चंद्रमा, आठवें भाव में केतु ,नवम भाव में मंगल और वक्री शुक्र, दसवें भाव में शनि, सूर्य और वक्री बुध तथा एकादश भाव में गुरु विराजमान है।
इलेक्शन के लिए चतुर्थ भाव, जो जनता का है छठा भाव है, शत्रुओं का है। नवम भाव जो भाग्य का है और दशम भाव जो शासन का है, को विशेष रूप से देखा जाता है।

इस कुंडली के चतुर्थ भाव में अपनी ही राशि में चंद्रमा विराजमान है। इससे हमें दो जानकारियां प्राप्त होती हैं। पहली चंद्रमा एक स्त्री राशि है। अतः स्त्रियों का बीजेपी को बहुत सपोर्ट मिलेगा। साथ ही जनता में भी अच्छा प्रभाव रहेगा। दशम भाव में बैठकर शनि, वक्री बुध और सूर्य चतुर्थ भाव को देख रहे हैं। यह सभी ग्रह विभिन्न कारणों से चतुर्थ भाव के लिए कमजोर हैं अतः इन सभी का चतुर्थ भाव पर कोई विशेष असर नहीं होगा। यह भी बताता है कि अल्पसंख्यक वर्ग का एक हिस्सा,बनियों का एक विशेष वर्ग और राज्य के कारण बीजेपी को नुकसान होगा। ऐसा लगता है कि राज्य के व्यवहार के कारण बीजेपी को नुकसान हो सकता है। मंगल भी नीच दृष्टि से चतुर्थ भाव को देख रहा है। अतः यह स्पष्ट है की वे जातियां जो अपना सरनेम सिंह लिखती हैं, परंतु क्षत्रिय नहीं है उनसे भी बीजेपी को नुकसान होगा।

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आइए अब हम छठे भाव की चर्चा करते हैं। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि बीजेपी का जनता का बहुत अच्छा साथ मिलेगा। छठे भाव में कन्या राशि है। जिसका स्वामी बुध वक्री होकर दशम भाव में बैठा है। इसे कमजोर ही कहा जाएगा। इसको उच्च का राहु मित्र दृष्टि से देख रहा है। अतः स्पष्ट है कि दलित समुदाय का अच्छा सपोर्ट बीजेपी को प्राप्त होगा। यह भी स्पष्ट है कि इसी समुदाय के कारण बीजेपी अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेगी। यह आश्चर्य का विषय है कि इस प्रश्न कुंडली के अनुसार दलित वोट बीएसपी को न मिलकर बीजेपी को मिल रहा है। इस प्रकार शत्रु भाव भी राहु के कारण बीजेपी के पक्ष में है।

बीजेपी का भाग्य भाव है मजबूत —
नवम भाव में धनु राशि है जिसका स्वामी गुरु एकादश भाव में सम राशि में बैठा हुआ है। शुक्र वक्री होकर अपनी सम राशि में है तथा मंगल अपनी मित्र राशि में है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है की बीजेपी को ब्राह्मणों के कुछ वोट प्राप्त होंगे और पिछड़े वर्ग के स्त्रियों के वोट भी बीजेपी को प्राप्त होंगे। क्षत्रियों का अच्छा वोट भी बीजेपी को मिलेगा। इस प्रकार भाग्य भाव भी बीजेपी का मजबूत है।

दशम भाव में तीन ग्रह हैं। शनि अपनी ही राशि में बैठा हुआ है। बुध वक्री होकर मित्र राशि में है तथा सूर्य अपनी शत्रु राशि में है। यहां पर आश्चर्य की बात यह है कि अल्पसंख्यकों का भी एक वर्ग बीजेपी का सपोर्ट करता हुआ दिख रहा है और शासन से बीजेपी को सपोर्ट प्राप्त नहीं होगा। संभवतः ऐसा चुनाव आयोग के कड़े रुख के कारण। इस प्रकार बीजेपी के लिए दशम भाव भी शनि के कारण मजबूत है।
उपरोक्त विवेचना से स्पष्ट है कि बीजेपी का चतुर्थ छठा और नवा भाव बहुत मजबूत है परंतु दशम भाव मजबूत तो है परंतु बहुत मजबूत नहीं है क्योंकि शासन और वणिक समुदाय का अच्छा सपोर्ट बीजेपी को प्राप्त नहीं हो पाएगा।

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क्या कहती है समाजवादी पार्टी की कुंडली —
दूसरा प्रश्न है कि क्या समाजवादी पार्टी को 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा के इलेक्शन में बहुमत प्राप्त होगा। इस प्रश्न की प्रश्न कुंडली बनाई गई। यह प्रश्न कुंडली मीन लग्न की बनी है। तीसरे भाव में राहु है। पांचवें भाव में चंद्रमा है। नवम भाव में केतु है। दशम भाव में मंगल और बक्री शुक्र एकादश भाव में सूर्य शनि तथा वक्री बुध और द्वादश भाव में गुरु विराजमान है।
इस कुंडली की विवेचना में सबसे पहले हम जनता का मन टटोलने के लिए चतुर्थ भाव को देखते हैं। चतुर्थ भाव में कोई ग्रह नहीं है। चतुर्थ भाव का स्वामी बुध वक्री होकर अपने मित्र राशि में बैठा हुआ है। जो कि अच्छे परिणाम नहीं देगा। चतुर्थ भाव पर मंगल, वक्री शुक्र, गुरु और वक्री बुद्ध की दृष्टि है और ये चारों ग्रह कमजोर स्थिति में है। शुक्र वक्री होकर अपने मित्र राशि को देख रहा है। गुरु सम भाव में बैठकर शत्रु राशि को देख रहा है। मंगल अपने मित्र राशि में बैठकर शत्रु दृष्टि से चतुर्थ भाव को देख रहा है। इस प्रकार समाजवादी पार्टी को ब्राम्हण, बनिया, क्षत्रिय और अधिकांश स्त्रियों का सहयोग प्राप्त नहीं होगा। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि समाजवादी पार्टी के प्रश्न कुंडली में चतुर्थ भाव कमजोर है।

क्या कहता है समाजवादी पार्टी का छठा भाव —
छठे भाव का स्वामी सूर्य है जो अपने शत्रु भाव में बैठा है। अतः छठा भाव अर्थात शत्रु भाव कमजोर है। इसका अर्थ यह है कि समाजवादी पार्टी अपने शत्रु को परास्त करने में बहुत कमजोर रहेगी। गुरु छठे भाव को मित्र दृष्टि से देख रहा है अतः हम यह कह सकते हैं ब्राह्मणों का एक बड़ा वर्ग समाजवादी पार्टी की मदद करेगा। अतः छठा भाव सामान्य कहा जाएगा।
अब आते हैं। भाग्य भाव या नवम भाव की तरफ। नवम भाव का स्वामी मंगल है जो अपने मित्र राशि में विराजमान है। इसी भाव में उच्च के केतू विराजमान है। केतु भाग्य के लिए अच्छे माने जाते हैं और इनके कारण समाजवादी पार्टी को पिछड़े वर्ग का बहुत अच्छा सहयोग प्राप्त हो रहा है। इसी प्रकार नवम भाव के स्वामी मंगल के कारण ऐसी जातियां जो अपने नाम के बाद में सिंह लगाती हैं, परंतु क्षत्रिय नहीं है। जैसे यादव लोधी आदि का बहुत अच्छा समर्थन समाजवादी पार्टी को मिलेगा। इस प्रकार इस प्रश्न कुंडली का नवम भाव बलवान है।
दशम भाव का स्वामी गुरु द्वादश भाव में सम राशि में गोचर कर रहा है। यह लग्नेश भी है। दशम भाव में वक्री शुक्र है जो सामान्य है और मंगल मित्र राशि में है यह मजबूत है। इस प्रकार दशम भाव भी मजबूत कहां जाएगा।
इस प्रकार दोनो प्रश्न कुंडलियों की तुलना करने पर हम पाते हैं कि चौथा भाव, छठा भाव नवम भाव और दशम भाव बीजेपी का मजबूत है तथा भाग्य भाव या नवम भाव तथा दशम भाव समाजवादी पार्टी का मजबूत दिख रहा है।

क्या कहती है विंशोत्तरी दशा—
आइए अब हम दोनों प्रश्न कुंडलियों के विंशोत्तरी दशा के बारे में बात करते हैं। 10 फरवरी से उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रारंभ हो चुके हैं। 10 मार्च को परिणाम आएगा। बीजेपी के प्रश्न कुंडली में बुध की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा में शुक्र का प्रत्यंतर 10 सितंबर 2021 से प्रारंभ हुआ है और यह 1 मार्च 2022 तक रहेगा। 2 मार्च 2022 से बुध की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा में सूर्य का प्रत्यंतर प्रारंभ हो जाएगा और यह 22 अप्रैल 2022 तक रहेगा। बुध इस कुंडली में छठे और तीसरे भाव का स्वामी है अतः इस की महादशा सामान्य कही जाएगी। शुक्र इस कुंडली में द्वितीय और सप्तम भाव का मालिक है। अतः इसकी दशा अच्छी मानी जाएगी। सूर्य इस कुंडली में पंचम भाव का मालिक है। अतः उसकी दशा बहुत अच्छी मानी जाएगी। 10 मार्च को बुध की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा में सूर्य की प्रत्यंतर में मंगल की सुक्ष्म दशा रहेगी। मंगल इस कुंडली के लग्नेश है और अष्टमेश भी हैं। अष्टमेश के कारण यह दशा खराब कही जा सकती है परंतु एक नियम है कि लग्नेश हमेशा शुभ फल देता है। अतः हम यह कह सकते हैं कि 10 मार्च का दिन विंशोत्तरी दशा के अनुसार बीजेपी के लिए अच्छा कहा जा सकता है। षड्बल साधना के अनुसार भी यह अच्छा दिन है।

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क्या समाजवादी पार्टी पाएगी बहुमत —
समाजवादी पार्टी बहुमत पाएगी इस प्रश्न कुंडली के अनुसार 19 जनवरी 2022 से 15 जून 2022 तक शनि की महादशा में बुध की अंतर्दशा में राहु का प्रत्यंतर चल रहा है। शनि इस कुंडली में द्वादश भाव एवं एकादश भाव का स्वामी है अतः इसे सामान्य कह सकते हैं। बुद्ध इस कुंडली में चतुर्थ भाव एवं सप्तम भाव का स्वामी है अतः इसे अच्छा कहा जा सकता है। राहु इस कुंडली के तृतीय भाव में अपनी उच्च राशि में विद्यमान हैं अतः इसे अच्छा कहा जाएगा। 10 मार्च को शनि की महादशा में बुध की अंतर्दशा में राहु के प्रत्यंतर दशा में शनि की सूक्ष्म दशा चल रही होगी। जैसा कि हम कह चुके हैं कि इस कुंडली में शनि अच्छा है अतः 10 मार्च का दिन समाजवादी पार्टी के लिए भी अच्छा रहेगा। आपको बता दें 11 जनवरी से 14 जनवरी के बीच में कई विधायकों ने बीजेपी छोड़ी है एवं 14 जनवरी को इन सभी लोगों ने समाजवादी पार्टी में प्रवेश किया है।

बीजेपी को बहुमत मिलेगा, इस प्रश्न कुंडली में 30 दिसंबर 2021 से 26 जनवरी 2022 तक बुध की महादशा में शुक्र के अंतर में और शुक्र की प्रत्यंतर में तथा शनि की सूक्ष्मदशा चल रही थी। इस समय बीजेपी की जनता में बहुत किरकिरी हुई थी। यह किरकिरी शनि के चतुर्थ भाव में शत्रु दृष्टि से देखने के कारण हुई थी परंतु अंतर्दशा और प्रत्यंतर दशा ठीक होने के कारण बीजेपी ने इस पर बहुत जल्दी काबू पा लिया।

14 जनवरी को इनमें से अधिकांश लोगों ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा था और यह समाजवादी पार्टी के लिए एक शुभ संकेत था। समाजवादी पार्टी को बहुमत मिलेगा इस प्रश्न कुंडली में 14 जनवरी को शनि की महादशा में बुद्ध के अंतर्दशा में चंद्रमा का प्रत्यंतर प्रारंभ हुआ था और चंद्रमा पंचम भाव में अपने ही घर में स्थित है अर्थात बहुत मजबूत है। इसके कारण यह प्रसिद्धि समाजवादी पार्टी को प्राप्त हुई थी। परंतु 19 जनवरी के उपरांत राहु की प्रत्यंतर दशा और राहु की सूक्ष्म दशा प्रारंभ हुई थी। जो कि समाजवादी पार्टी के लिए ठीक नहीं है। इसी कारण से बीजेपी में भी समाजवादी पार्टी से और बहुजन समाज पार्टी से कई बड़े नेता शामिल हुए।
इस प्रकार हम देख रहे हैं की बीजेपी की वर्तमान में कुंडली मजबूत है परंतु दशा अंतर्दशा के हिसाब से समाजवादी पार्टी का पड़ला मामूली रुप में भारी है। अतः हम कह सकते हैं कि बीजेपी को अभी जीत के लिए और प्रयास करने हैं।

प्रभावित हो सकती है वोटिंग

बीजेपी के प्रश्न कुंडली के अनुसार इनके प्रति जनता का रुख ठीक है परंतु शनि, सूर्य और बुध के कारण जनता अपने घर से वोट देने के लिए नहीं जाएगी। अतः बीजेपी को अपने वोटरों को वोटिंग बूथ पर लाने का विशेष प्रयास करना होगा। बीजेपी को यह भी देखना होगा कि ऐसा कोई UP Election In Jyotish  मेला या सत्संग वोटिंग के समय न प्रारंभ हो। जिसके कारण वोटर मेले में जाए और वोट देने के लिए न जाए। वर्तमान में साफ साफ दिख रहा है, इलाहाबाद में मां का मेला 14 जनवरी से 1 मार्च तक रहेगा। जिसमें हिन्दूओं की एक बड़ी संख्या इस अवधि में प्रयागराज में ही रहेगी। जो वोट नहीं दे पाएगी। 14 फरवरी और 3 मार्च को माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि का मेला लगेगा। इसके कारण 16 फरवरी और 3 मार्च को होने वाली वोटिंग प्रभावित होगी। इसमें से अधिकांश जनसंख्या बीजेपी के वोटर होंगे। परंतु समाजवादी पार्टी ने अच्छे कैंडिडेट खड़े के कारण समाजवादी पार्टी के जीतने की उम्मीद है।

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