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हाइलाइट्स
- आयोग ने 121 दलों को नोटिस भेजा है।
- 2019 से 2024 तक की चुनावी सूची में नहीं दिखी सक्रियता इसका जवाब दें
- सूची खंगालने के बाद यह कार्रवाई की गई है।
UP Election Commission: देश में जारी वोट और वोट के चोर की गिनती के बीच इलेक्शन कमीशन एक्शन लिया है। यूपी निर्वाचन आयोग ने 121 राजनीतिक दलों को नोटिस भी दिया है। ये यैसे राजनीतिक दल हैं जिन्होंने बीते 6 सालों में किसी भी चुनाव में अपनी भाग्यदारी नहीं दी है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी उप्र ने 2019 से वर्ष 2024 के बीच हुए चुनावों सूची निकाल ली है। यह जानकारी देते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी उप्र नवदीप रिणवा ने बताया कि कारण बताओ नोटिस के सम्बंध में दल के अध्यक्ष और महासचिव अपना प्रत्यावेदन, शपथ पत्र एवं अभिलेखों सहित 21 अगस्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में जमा कर सकते हैं। साथ ही 2 व 3 सितंबर को उनके प्रत्यावेदन पर सुनवाई की जाएगी। जिसमें उपस्थित होकर अपना पक्ष रख सखते हैं।
2019 से 2024 तक की चुनावी सूची में नहीं दिखी सक्रियता
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिणवा ने बताया कि 2019 से लेकर 2024 के बीच हुए चुनावों की सूची खंगालने के बाद यह कार्रवाई की गई है। इन दलों में से कई ने लंबे समय से न तो कोई प्रत्याशी उतारा और न ही किसी चुनावी प्रक्रिया में भाग लिया। सीईओ के मुताबिक, सभी दलों के अध्यक्ष और महासचिव को 21 अगस्त तक अपना प्रत्यावेदन, शपथ पत्र और आवश्यक अभिलेख मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में जमा कराने होंगे। इसके बाद 2 और 3 सितंबर को सुनवाई होगी, जिसमें दलों के प्रतिनिधियों को उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना होगा।
जवाब नहीं देने पर होगी सख्त कार्रवाई
निर्वाचन आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समयसीमा के भीतर प्रत्यावेदन नहीं मिला, तो माना जाएगा कि दल के पास कोई सफाई नहीं है। इसके बाद संबंधित दल का नाम राजनीतिक दलों की सूची से हटाने की सिफारिश भारत निर्वाचन आयोग को भेजी जाएगी।
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