नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को नुकसान पहुंचाने के कथित इरादे से चुनाव मैदान में उतरने की योजना बना रही शिवसेना ने बृहस्पतिवार को प्रमुख किसान नेता राकेश टिकैत से संपर्क किया। शिवसेना नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में टिकैत से मुलाकात की। टिकैत निरस्त किए जा चुके तीनों ‘विवादित’ कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर चले किसान आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे थे।राउत ने ट्वीट किया ‘‘मैंने उत्तर प्रदेश के किसानों की गंभीर समस्याओं और उनके समक्ष उत्पन्न मुद्दों तथा देश की राजनीतिक स्थिति पर विचार विमर्श किया।
(इस मुलाकात के दौरान) पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों के ज्वलंत मुद्दों पर भी प्रमुखता से चर्चा हुई। शिवसेना किसानों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।’’इससे पहले, उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शिवसेना ने अयोध्या और मथुरा सहित उत्तर प्रदेश में 50 से 100 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारने की योजना बनाई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि उनकी पार्टी किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी। राउत ने कहा कि शिवसेना ने राम जन्मभूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अनेक बलिदान दिये हैं। शिवसेना को उम्मीद है कि हिन्दुत्व और किसानों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके वह भाजपा को राज्य में चुनौती दे सकती है। राउत ने यह स्पष्ट किया कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर हुआ है और कोई भी राजनीतिक दल इसका श्रेय नहीं ले सकता।