हाइलाइट्स
- डॉ. भैरव पांडेय नशे में ड्यूटी करने पर निलंबित।
- 14 अन्य डॉक्टरों पर लापरवाही व अनुशासनहीनता में कार्रवाई।
- प्राइवेट प्रैक्टिस, वित्तीय गड़बड़ी पर डॉक्टरों के खिलाफ जांच आदेश।
Deputy CM Brajesh Pathak Action: उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को सुधारने और सरकारी चिकित्सकों में अनुशासन कायम करने के उद्देश्य से डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर एक बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। इसमें मऊ जिले के रतनपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के अधीक्षक डॉ. भैरव कुमार पांडेय को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही, 14 अन्य डॉक्टरों पर भी विभिन्न स्तर की विभागीय कार्यवाही की गई है।
नशे में ड्यूटी पर डॉ. भैरव निलंबित
डॉ. भैरव पांडेय पर ड्यूटी के दौरान नशा करने, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में रुचि न लेने, अधीनस्थों से अभद्रता और उच्चस्तरीय बैठकों में हिस्सा न लेने जैसे गंभीर आरोप थे। मऊ के सीएमओ द्वारा पहले ही उन्हें रतनपुरा से हटाकर मझवारा सीएचसी भेजा गया था, लेकिन उन्होंने अब तक वहां कार्यभार ग्रहण नहीं किया। लगातार अनुपस्थित रहने पर जांच के बाद उन्हें निलंबित कर आज़मगढ़ के अपर निदेशक कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
प्राइवेट प्रैक्टिस और वित्तीय गड़बड़ी पर कार्रवाई
ज्ञानपुर, भदोही के डॉ. प्रदीप कुमार यादव पर प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप सिद्ध होने पर उनकी दो वेतनवृद्धियां रोकी गई हैं। उन्हें परिनिन्दा दंड दिया गया है। वहीं, स्वास्थ्य महानिदेशालय में तैनात संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील वर्मा पर औरैया में सेवा के दौरान वित्तीय अनियमितताओं के आरोप पाए गए हैं। उनके खिलाफ जांच के आदेश और विभागीय कार्रवाई की संस्तुति दी गई है।
अन्य डॉक्टरों पर भी गिरी गाज
डिप्टी सीएम ने कुशीनगर, कानपुर, गोरखपुर, मैनपुरी और हरदोई जिलों में तैनात 5 अन्य डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनहीनता, लापरवाही और अनधिकृत अनुपस्थिति के चलते विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इनमें डॉ. रितेश कुमार सिंह, डॉ. दीप्ति गुप्ता, डॉ. तनवीर अंसारी, डॉ. आकांक्षा पनवार और डॉ. रखशिंदा नाहिद शामिल हैं।
प्राचार्यों और मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर भी रडार पर
बांदा और कुशीनगर मेडिकल कॉलेज के 3 डॉक्टरों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई के निर्देश हैं। इसके अलावा शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व व वर्तमान प्राचार्य डॉ. अभय सिन्हा और डॉ. राजेश कुमार पर सेवा प्रदाता फर्म से मिलीभगत के आरोप हैं, जिनकी जांच के आदेश दिए गए हैं।
प्रशासन का सख्त संदेश
यह सख्त कार्रवाई प्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को पारदर्शी, जिम्मेदार और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक लगातार लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य तंत्र में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
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