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DDU Gorakhpur high-tech nursery: 1000 वर्ग मीटर में बनेगी खास हाई-टेक नर्सरी, आधुनिक कृषि तकनीक और प्रशिक्षण पर जोर

DDU Gorakhpur University high-tech nursery: डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय में हाई-टेक नर्सरी की स्थापना की जा रही है। कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन की अध्यक्षता वाली बैठक में ये फैसला लिया गया। ये नर्सरी एग्रीकल्चर इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी सेंटर (कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र) के नाम से जानी जाएगी।

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UP DDU Gorakhpur University high-tech nursery

हाइलाइट्स

  • डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय में हाई-टेक नर्सरी की स्थापना।
  • हाई-टेक नर्सरी एग्रीकल्चर इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी सेंटर के नाम से जानी जाएगी।
  • किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा।
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Gorakhpur DDU high-tech nursery: डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय में हाई-टेक नर्सरी की स्थापना की योजना बनाई गई है। यह नर्सरी विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान के अंतर्गत स्थापित की जाएगी। इस फैसले की घोषणा कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन की अध्यक्षता में हुई बैठक में की गई।

कृषि सूचना केंद्र के रूप में नई पहचान

यह हाई-टेक नर्सरी एग्रीकल्चर इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी सेंटर (कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र) के नाम से जानी जाएगी। इसका उद्देश्य छात्रों और किसानों को एक साझा मंच पर लाकर कृषि शिक्षा और तकनीक को बढ़ावा देना है।

किसानों को मिलेगा व्यावहारिक प्रशिक्षण

इस केंद्र के माध्यम से किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इससे किसानों की तकनीकी दक्षता बढ़ेगी और वे व्यावसायिक खेती की दिशा में कदम बढ़ा सकेंगे।

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आधुनिक पॉलीहाउस की व्यवस्था

यह नर्सरी 1000 वर्ग मीटर में फैली होगी, जिसमें दो पॉलीहाउस बनाए जाएंगे। इन पॉलीहाउस में अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी जो कृषि अनुसंधान और उत्पादन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी।

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हाई-टेक पॉलीहाउस की खास सुविधाएं

पॉलीहाउस में स्टील संरचना, गटर सिस्टम, यूवी-स्टेबलाइज्ड पॉलीकार्बोनेट मल्टी-वाल शीट, पैड और फैन कूलिंग सिस्टम, माइक्रोप्रोसेसर नियंत्रित बेंचिंग प्रणाली, पीएआर लैंप, फॉगर सिस्टम और टैंक फ्लोर जैसी हाई-टेक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

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किसानों के लिए रोपण सामग्री की दुकान

नर्सरी परिसर में एक शॉप भी स्थापित होगी, जहां गोरखपुर जनपद के किसान उच्च गुणवत्ता वाली, रोगमुक्त पौध रोपण सामग्री रियायती दरों पर प्राप्त कर सकेंगे।

छात्रों को तकनीकी प्रशिक्षण के नए अवसर

छात्रों को आधुनिक नर्सरी तकनीक, पॉलीहाउस प्रबंधन, पौध प्रवर्धन और कृषि विपणन जैसी विधाओं में व्यावहारिक ज्ञान मिलेगा, जिससे उनकी तकनीकी दक्षता बढ़ेगी और स्वरोजगार के अवसर सुलभ होंगे।

स्थानीय कृषि विकास में विश्वविद्यालय की भूमिका

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि यह योजना विश्वविद्यालय को स्थानीय कृषि के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करेगी और इसे अन्य संस्थानों के लिए आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित करेगी।

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गुणवत्ता युक्त पौध सामग्री की सुविधा

कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. दिनेश यादव और समन्वयक डॉ. रामवंत गुप्ता के अनुसार, यह सुविधा किसानों को गुणवत्ता युक्त हाइब्रिड पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु शुरू की जा रही है।

फल और सब्जियों की खेती को मिलेगा बढ़ावा

इस पहल के अंतर्गत फल और सब्जियों की व्यावसायिक खेती के लिए आधुनिक बीज उत्पादन तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे पूर्वांचल की कृषि को एक नई दिशा मिलेगी।

प्रशिक्षण, विपणन और क्षमता निर्माण पर जोर

प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रसार गतिविधियाँ और क्षमता निर्माण जैसे कार्य विश्वविद्यालय, छात्रों और किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे, जिससे गोरखपुर विश्वविद्यालय कृषि नवाचार और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान के रूप में उभर सकेगा।

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