(रिपोर्ट- आलोक राय)
UP CM Yogi Deepfake Video: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की डीपफेक वीडियो बनाकर वायरल करने पर बड़ा एक्शन हुआ है। हजरतगंज थाने में मामले को लेकर FIR दर्ज हो गई है। केस दर्ज होने के बाद पुलिस साइबर सेल की मदद से आरोपी की जानकारी जुटाने में जुटी है।
सीएम योगी आदित्यनाथ का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था, जिसमें उन्हें मुस्लिम टोपी पहने दिखाया गया। हजरतगंज के नरही इलाके में रहने वाले BJP नेता राजकुमार तिवारी ने डीपफेक वीडियो को लेकर FIR दर्ज करवाई है।
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‘प्यारा इस्लाम’ अकाउंट के खिलाफ केस दर्ज
‘प्यारा इस्लाम’ नाम के एक सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ केस हुआ। भारतीय न्याय संहिता की धारा 352, 353 ,196(1), 299 और IT एक्ट 66 के तहत FIR दर्ज की गई। वायरल डीपफेक वीडियो में CM योगी आदित्यनाथ को मुस्लिम टोपी पहने दिखाया गया। वहीं, बैकग्राउंड में एक गाना बज रहा है। इस वीडियो को AI की मदद से तैयार किया गया।
सीएम योगी की आवाज और चेहरे का गलत इस्तेमाल
सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रही थी। FIR दर्ज करने के बाद पुलिस अब मामले की जांच में जुट गई है। साइबर क्राइम सेल की मदद से डीपफेक वीडियो पोस्ट करने वाले शख्स की तलाश की जा रही है। पुलिस के अनुसार, यह वीडियो एक डीपफेक तकनीक के जरिए बनाई गई थी, जिसमें सीएम योगी की आवाज और चेहरे का गलत इस्तेमाल किया गया। इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किया गया, जिससे जनता में भ्रम की स्थिति पैदा हुई और सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा उत्पन्न हुआ।
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साइबर सेल की टीम को जांच सौंपी
लखनऊ पुलिस ने साइबर सेल की टीम को इस मामले की जांच सौंपी है। आईटी एक्ट की धारा 66डी (कंप्यूटर संसाधनों का दुरुपयोग) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। वायरल करने वाले व्यक्ति या समूह की पहचान की जा रही है और जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सीएम योगी की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन प्रशासन ने सोशल मीडिया पर झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकेत दिया है। इस घटना ने एक बार फिर डीपफेक तकनीक के दुरुपयोग और सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों को लेकर चिंता बढ़ा दी है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अवैध और आपत्तिजनक सामग्री को शेयर करने से बचें और ऐसे मामलों की सूचना तुरंत प्रशासन को दें।