(रिपोर्ट- आलोक राय -लखनऊ)
UP CABINET MEETING: बुधवार को यूपी की राजधानी लखनऊ में हुई योगी कैबिनेट मीटिंग में नई आबकारी नीति 2025-26 को मंजूरी मिल गई है। अब नई दुकाने लॉटरी सिस्टम से निकाली जाएंगी।
फलों से बनने वाली शराब के लिए हर जिले में दुकानें खुलेंगी। साथ ही निर्णय लिया गया कि यूपी का बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू होगा।
चलिए जानते हैं यूपी कैबिनेट में नई आबकारी नीति के साथ साथ और किन प्रस्तावों को मंजूरी मिली है.
इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर
- वित्त मंत्री सुरेश खन्ना एवम् आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने कैबिनेट मीटिंग की जानकारी देते हुए बताया कि फलों से बनने वाली वाइन के लिए हर जिले में खुलेगी।
- दुकान प्रदेश में फलों से बनने वाली वाइन की बिक्री और प्रोत्साहन को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में एक दुकान खोली जाएगी।
- इसके लिए मंडल के जिला मुख्यालय पर लाइसेंस फीस 50 हजार रुपए रखी गई है। तो वहीं बाकी जिला मुख्यालयों पर 30 हजारी रखी गई है। इसमें पूरे प्रदेश में 75 दुकानें होगीं।
- KGMU ट्रामा सेंटर में 500 बेड बढ़ाए जाएंगे।
- शाहजहांपुर को 29वां विकास प्राधिकरण बनाने का निर्णय लिया गया है।
बाद में बढ़ाई जा सकेंगी दुकानें
अगर आवश्यकता पड़ेगी तो कमिश्नर को 3 प्रतिशत दुकानें बढ़ाने का अधिकार होगा। इसके अलावा आगे बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी तो उसके लिए शासन से अनुमति लेने की आवश्यक होगी।
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18 फरवरी से शुरू होगा बजट सत्र
कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि यूपी का बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू होगा। इसी के साथ संभावना है कि 19 फरवरी को राज्य का बजट पेश किया जाएगा।
इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर
गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने, आबकारी नीति में संशोधन और औद्योगिक विभाग से जुड़े प्रस्तावों पर मुहर लगी है ।
#WATCH लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बैठक की। pic.twitter.com/NPkIer7h7E
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 5, 2025
UP Cabinet में 11 प्रस्तावों पर लगी मुहर
- उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025-26 की आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत, यूपी आबकारी विभाग की दुकानें लॉटरी सिस्टम के जरिए आवंटित की जाएंगी। इस नीति के तहत, उत्तर प्रदेश में अंग्रेजी शराब की दुकान, बीयर शॉप और अन्य वाइन शॉप का आवंटन लॉटरी सिस्टम के जरिए किया जाएगा। यह फैसला आबकारी विभाग की नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लिया गया है।
- उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब कारोबारियों के लिए नई आबकारी नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। यूपी में शराब की दुकानों के मालिक लंबे समय से लाइसेंस नवीनीकरण की मांग कर रहे थे। हालांकि, लॉटरी सिस्टम से शराब के दाम बढ़ेंगे या नहीं, यह अभी तय नहीं है।
- उत्तर प्रदेश की आबकारी नीति आमतौर पर दिसंबर या जनवरी में स्वीकृत होती रही है, लेकिन इस बार महाकुंभ मेला और मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की आचारसंहिता के कारण इसमें देरी हुई। सरकार किसी जल्दबाजी में दुकानों की लाइसेंस प्रक्रिया को हरी झंडी नहीं दिखाना चाहती थी। यूपी में शराब की बिक्री का राजस्व करीब 50 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया है, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष में 47 हजार 600 करोड़ रुपये था। यह राजस्व में 4500 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी है।
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