हाइलाइट्स
- पुणे की मावल तहसील में 16 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी
- खाड़ी देशों से करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए
- चैरिटेबल ट्रस्ट सहित अन्य आठ खातों की भी जांच चल रही है
Chhangur Baba Connection : हिंदू युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर अवैध मतांतरण कराने वाले संगठित गिरोह का महाराष्ट्र कनेक्शन सामने आया है। मामले का मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, अपनी करीबी नीतू उर्फ नसरीन और उसके पति नवीन उर्फ जमालुद्दीन के माध्यम से विदेशी फंडिंग कर रहा था और विवादित जमीनों में भारी निवेश कर रहा था। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि गिरोह ने पुणे की मावल तहसील में 16 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी थी। इसके अलावा नागपुर निवासी ईदुल इस्लाम, जो खुद को एक संगठन का राष्ट्रीय महासचिव बताता है, जमीनों की खरीद-फरोख्त में सक्रिय भूमिका निभा रहा था।
विदेशी फंडिंग और करोड़ों का लेन-देन
नीतू और नवीन के दर्जनों बैंक खातों की जांच में सामने आया है कि खाड़ी देशों से करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए। नवीन के खातों में 40 करोड़ रुपये से अधिक, जबकि नीतू के खातों में भी भारी लेनदेन दर्ज हुआ है। साथ ही, छांगुर बाबा की संस्थाओं जैसे अस्वी इंटरप्राइजेज, अस्वी चैरिटेबल ट्रस्ट सहित अन्य आठ खातों की भी जांच चल रही है।
यह भी पढ़ें: EPFO Interest Rate: ईपीएफओ मेंबर्स को खुशखबरी, इस बार दिवाली से पहले आपके अकाउंट में जमा होगी ब्याज की राशि
अवैध निर्माण और सरकारी मिलीभगत
पुलिस के अनुसार, गिरोह ने बिना भू-उपयोग परिवर्तन के अस्पताल, बंगला, शोरूम, तबेला आदि बनवाए। ठेकेदार से 12 करोड़ का काम 5.7 करोड़ में निपटाया गया, भुगतान के नाम पर मारपीट और मुकदमे दर्ज कराए गए। गिरोह ने ग्राम समाज, तालाब और खलिहान की भूमि को फर्जी तरीके से खरीदा।
ATS की जांच जारी
ATS अब गिरोह की विदेश यात्राओं, बैंक ट्रांजैक्शन, और अन्य राज्यों में जमीन निवेश की गहराई से जांच कर रही है। यह गिरोह संगठित तरीके से हिंदू व गैर-मुस्लिम युवतियों का अवैध मतांतरण कराकर देशभर में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश में लिप्त पाया गया है।
UP School: स्कूल मर्जर योजना का बढ़ता विरोध, शिक्षक संघ ने सरकार को सौंपा ज्ञापन, बच्चों और रसोइयों के भविष्य पर संकट
UP School Merger Protest News: उत्तर प्रदेश सरकार की स्कूल मर्जर नीति को लेकर शिक्षक संगठनों और अभिभावकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। सरकार ने निर्णय लिया है कि 150 से कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज किया जाएगा, जबकि 100 से कम छात्र संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को सरप्लस घोषित किया जाएगा। इस फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने मोर्चा खोल दिया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें