हाइलाइट्स
- जातीय संतुलन पर विशेष जोर
- 2027 चुनाव की तैयारी और लोकसभा चुनाव का सबक
- प्रदेश अध्यक्ष के लिए घमासान जारी
UP Bjp Cheif list: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के भीतर अगले प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है। आगामी 2027 विधानसभा चुनावों को देखते हुए, राज्य के नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण रणनीतिक फैसला माना जा रहा है। बीजेपी की उत्तर प्रदेश इकाई ने पार्टी हाईकमान को नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए 6 नामों की एक सूची भेजी है, जिसमें जातीय समीकरणों का विशेष ध्यान रखा गया है।
जातीय संतुलन पर विशेष जोर
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, भेजी गई सूची में दो ब्राह्मण, दो पिछड़े वर्ग से और दो दलित वर्ग से प्रमुख नेताओं के नाम शामिल हैं। यह दर्शाता है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में मिले झटकों के बाद अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है और राज्य की सत्ता पर लगातार तीसरी बार काबिज होने के लिए हर वर्ग को साधने का प्रयास कर रही है। जातीय संतुलन बनाए रखना उत्तर प्रदेश की राजनीति में हमेशा से ही महत्वपूर्ण रहा है, और बीजेपी इस पर विशेष ध्यान दे रही है ताकि सभी समुदायों का विश्वास जीता जा सके।
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भूपेंद्र चौधरी की जगह कौन?
वर्तमान में उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी हैं, जो पश्चिमी यूपी के एक प्रमुख जाट नेता के रूप में जाने जाते हैं। उनका कार्यकाल समाप्त होने वाला है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अगला अध्यक्ष उनकी जगह कौन लेगा। राजनीतिक गलियारों में यह सवाल तेजी से घूम रहा है कि क्या पार्टी किसी नए चेहरे को मौका देगी या किसी अनुभवी नेता पर भरोसा जताएगी जो विभिन्न जातीय समूहों को एक साथ ला सके।
2027 चुनाव की तैयारी और लोकसभा चुनाव का सबक
उत्तर प्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में बीजेपी को राज्य में कुछ सीटों का नुकसान हुआ था, जिसे पार्टी एक सबक के तौर पर देख रही है। इन झटकों को देखते हुए, पार्टी आलाकमान अब एक ऐसे प्रदेश अध्यक्ष का चयन करना चाहता है जो संगठन को मजबूत कर सके, कार्यकर्ताओं में नया जोश भर सके और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक ठोस रणनीति तैयार कर सके। नए अध्यक्ष को न केवल पार्टी के भीतर समन्वय स्थापित करना होगा, बल्कि विपक्ष की चुनौतियों का भी सामना करना होगा।
प्रदेश अध्यक्ष के लिए घमासान जारी
बीजेपी में इन दिनों प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव का दौर चल रहा है। पार्टी अभी तक 35 में से 25 से अधिक प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव कर चुकी है। इसके साथ ही, पार्टी अपने अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के चेहरे पर भी विचार कर रही है, जिसके लिए लगातार बैठकों का दौर जारी है। इस बीच, विधानसभा चुनावों को करीब आते देख, उत्तर प्रदेश में भी प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर घमासान मचा हुआ है। कई बड़े नेता इस पद की दौड़ में शामिल हैं, और राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
लिस्ट में शामिल प्रमुख चेहरे
- ब्राह्मण चेहरे:
- पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा: दिनेश शर्मा उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक जाना-पहचाना नाम हैं। वे पूर्व में उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनका एक लंबा राजनीतिक अनुभव है। उनकी छवि एक सुलझे हुए और सौम्य नेता की है, जो ब्राह्मण समुदाय में अच्छी पकड़ रखते हैं।
- बस्ती से सांसद हरीश द्विवेदी: हरीश द्विवेदी बस्ती से सांसद हैं और युवा नेताओं में गिने जाते हैं। वे संगठन में सक्रिय रहे हैं और पूर्वी उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समुदाय के बीच उनकी अच्छी पैठ मानी जाती है।
- पिछड़े वर्ग के चेहरे:
- योगी सरकार में मंत्री धर्मपाल सिंह: धर्मपाल सिंह योगी सरकार में एक महत्वपूर्ण मंत्री हैं और पिछड़े वर्ग से आते हैं। उनका संगठन पर मजबूत पकड़ है और वे जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से जुड़े हुए हैं।
- वर्तमान केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा: बीएल वर्मा वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं और पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। केंद्र में उनकी मौजूदगी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है, और उन्हें राज्य में भी एक मजबूत चेहरा माना जाता है।
- दलित चेहरे:
- पूर्व केंद्रीय मंत्री राम शंकर कठेरिया: राम शंकर कठेरिया पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और दलित समुदाय से आते हैं। वे एक अनुभवी नेता हैं और दलित वोटों को साधने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
- मौजूदा एमएलसी विद्या सागर सोनकर: विद्या सागर सोनकर वर्तमान में एमएलसी हैं और दलित वर्ग से आते हैं। वे युवा और सक्रिय नेता हैं, और उन्हें दलित समुदाय के बीच पार्टी की पकड़ मजबूत करने में सहायक माना जा रहा है।
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