Up News: उत्तर प्रदेश भाजपा में जिलाध्यक्षों के चुनाव को लेकर नई सूची जारी होने से पहले ही विवाद खड़ा हो गया है। पार्टी के भीतर ही कई नेताओं ने जिलाध्यक्षों के चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं और शिकायतें लखनऊ से दिल्ली तक पहुंच गई हैं।
पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं में असंतोष
सूत्रों के मुताबिक, कुछ जिलों में जिलाध्यक्ष पद के लिए चयनित नेताओं को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं में असंतोष है। उनका आरोप है कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है और पदों पर वफादारी के आधार पर नियुक्तियां की गई हैं। इसके अलावा, कुछ जिलों में दो या दो से अधिक दावेदारों के बीच हो रही प्रतिस्पर्धा ने भी स्थिति को और जटिल बना दिया है।
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वरिष्ठ नेता दिल्ली में पार्टी हाईकमान से मिले
शिकायतों के बाद पार्टी के कई वरिष्ठ नेता दिल्ली में पार्टी हाईकमान से मिले और मामले को सुलझाने की मांग की है। उनका कहना है कि जिलाध्यक्षों के चयन में स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं की राय को नजरअंदाज किया गया है, जिससे पार्टी की एकता को खतरा हो सकता है।
कुछ दिनों में जिलाध्यक्षों की सूची जारी की जा सकती है
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पास इन शिकायतों की जानकारी पहुंच चुकी है और उन्होंने मामले की जांच का आश्वासन दिया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि आगामी कुछ दिनों में जिलाध्यक्षों की सूची जारी की जा सकती है, लेकिन इससे पहले शिकायतों का निवारण जरूरी है। सूत्रों का कहना है कि काशी, कानपुर, गोरक्ष, पश्चिम और अवध क्षेत्र में कई जिलों से तो नेताओं की सिफारिश पर काडर के बजाय दूसरे दलों से आए लोगों के भी नाम शामिल किए जाने की शिकायतें मिली हैं।