/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/UP-Bareilly-73-laptops-guarded-2-police-constable-8-years-54-lacs-scam.webp)
हाइलाइट्स
- बरेली राजकीय इण्टर कॉलेज में बड़ी लापरवाही।
- बरेली में 8 साल से 73 लैपटॉप की रखवाली कर रहे 2 सिपाही।
- 73 लैपटॉप की रखवाली पर फूंके 53 लाख रुपये।
Bareilly Laptop Scandal: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में शिक्षा विभाग की लापरवाही और सरकारी धन की बर्बादी का मामला सामने आया है। राजकीय इंटर कॉलेज के कमरा नंबर-16 में 2016 से 73 लैपटॉप बंद हैं। जिन्हें समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान मेधावी छात्रों को बांटा जाना था। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद इन लैपटॉप्स पर सील लगा दी गई और फिर किसी ने पलटकर नहीं देखा।
अब इन बंद लैपटॉप्स की सुरक्षा पर सरकार लगभग 53.76 लाख रुपये खर्च कर चुकी है। जबकि इनकी कुल कीमत 14.60 लाख रुपये थी। इसके लिए पुलिस लाइन से दो सिपाही सालों से ‘लैपटॉप ड्यूटी’ पर तैनात हैं। यह जिम्मेदारी अब सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह गई है।
2016 में हुए थे लैपटॉप तैयार
समाजवादी पार्टी सरकार ने 2016 में बोर्ड टॉपर्स को प्रोत्साहन स्वरूप लैपटॉप देने की योजना शुरू की थी। राजकीय इंटर कॉलेज को बरेली का नोडल सेंटर बनाया गया और 73 लैपटॉप वहां भेजे गए। दिसंबर 2016 तक कुछ वितरण हुआ लेकिन जनवरी 2017 में चुनाव की आचार संहिता लगते ही वितरण रुक गया और लैपटॉप एक कमरे में सील कर दिए गए।
नया आदेश नहीं, तो ड्यूटी जारी
शासन से कोई आदेश न आने के कारण जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) और पुलिस प्रशासन अब भी इन लैपटॉप्स की सुरक्षा में सिपाही तैनात कर रहा है। कमरे में सिपाहियों की एक-एक महीने की ड्यूटी लगाई जाती है, ताकि सुरक्षा का "औपचारिक" पालन हो सके।
राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य ओपी राय ने बताया कि अब तो सिपाही एक खाली कमरे का भी उपयोग कर रहे हैं, जैसे वह उनका अस्थायी ठिकाना बन गया हो।
कब तक रहेंगे ‘कैद’ ये लैपटॉप?
तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि आठ साल तक बंद रहने के बाद इन लैपटॉप्स की हालत अब सवालों के घेरे में है। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एसएस बेदी का कहना है कि इतनी लंबी अवधि के बाद बैटरी खराब हो चुकी होंगी और विंडो व सॉफ्टवेयर अपडेट की आवश्यकता होगी। ये विंडो-7 बेस्ड लैपटॉप हैं, जिनकी तकनीक अब पुरानी हो चुकी है।
अफसरों का रवैया लापरवाह
जिला विद्यालय निरीक्षक अजीत कुमार का कहना है कि शासन से निर्देश का इंतजार है। उन्होंने यह नहीं बताया कि पिछले 7 वर्षों में कितनी बार शासन को पत्र लिखा गया। उन्होंने 2017 में भेजे गए एक पुराने पत्र का हवाला देकर सवालों को टाल दिया।
जब्त कमरा बना सवालों का घर
अब कमरा नंबर-16 खुद गवाही दे रहा है कि किस तरह सरकारी योजनाएं अफसरशाही और लापरवाही की बलि चढ़ जाती हैं। यह सिर्फ लैपटॉप की नहीं, बल्कि जनता के टैक्स के पैसों की बर्बादी की कहानी है, जो जांच और जवाबदेही की मांग कर रही है।
UP Assistant Professor Exam Scam: असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा, STF ने पकड़े 12 लाख के साथ तीन आरोपी
/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/UP-Assistant-Professor-Exam-Scam.webp)
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग प्रयागराज द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर अभ्यर्थियों से लाखों की ठगी करने वाले गैंग का एसटीएफ (STF) ने भंडाफोड़ किया है। इस सिलसिले में एसटीएफ ने तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें