Advertisment

Prayagraj News: नसबंदी के बाद भी महिला बनी मां, कोर्ट ने कहा- सरकार दे 2 लाख मुआवज़ा और बच्ची का पालन-पोषण खर्च

Prayagraj Lok Adalat: प्रयागराज की स्थायी लोक अदालत ने नसबंदी के बावजूद महिला के मां बनने पर सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने सरकार को महिला को हर्जाना और बच्ची के भरण-पोषण का खर्च देने का आदेश दिया है।

author-image
Bansal news
UP Allahabad female nasbandi lok Adalat government give 2 lakh compensation zxc

हाइलाइट्स

  • नसबंदी विफल, महिला को मिला 2 लाख का हर्जाना
  • बेटी के भरण-पोषण को सरकार देगी ₹5000 प्रतिमाह
  • अदालत ने माना चिकित्सा लापरवाही का मामला
Advertisment

Prayagraj Lok Adalat: प्रयागराज की स्थायी लोक अदालत ने नसबंदी के बावजूद एक महिला के मां बनने पर बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने सरकार को आदेश दिया है कि वह महिला की बेटी के भरण-पोषण के लिए प्रतिमाह 5,000 रुपये दे, जब तक बच्ची 18 वर्ष की नहीं हो जाती या फिर स्नातक की पढ़ाई पूरी नहीं कर लेती। साथ ही, महिला को दो लाख रुपये हर्जाने के रूप में और मानसिक कष्ट के लिए अतिरिक्त 20,000 रुपये देने का भी निर्देश दिया गया है।

नसबंदी के बावजूद हुआ गर्भधारण

मामला फूलपुर क्षेत्र की एक महिला से जुड़ा है, जिसने 25 अक्टूबर 2013 को मऊआइमा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉ. नीलिमा से नसबंदी कराई थी। इसके बावजूद कुछ समय बाद उसे गर्भधारण की जानकारी मिली। 31 जनवरी 2014 को अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में 16 सप्ताह और 6 दिन के गर्भ की पुष्टि हुई। बाद में महिला ने एक बेटी को जन्म दिया।

आर्थिक तंगी में झटका बना अनचाहा गर्भ

पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रही महिला के लिए यह गर्भ एक बड़ा झटका था। महिला ने आरोप लगाया कि सरकार की लापरवाही से उसकी ज़िंदगी दोबारा उलझ गई। उसने स्थायी लोक अदालत में याचिका दायर कर सरकार से बेटी के पालन-पोषण का खर्च और पांच लाख रुपये मुआवजे की मांग की।

Advertisment

सरकार ने दी सफाई, पर कोर्ट नहीं हुआ संतुष्ट

सरकारी पक्ष ने अदालत में तर्क दिया कि नसबंदी एक अनुभवी डॉक्टर द्वारा की गई थी और महिला ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी किए थे। साथ ही, यह भी कहा गया कि ऑपरेशन की विफलता की जानकारी निर्धारित तीन माह की अवधि में नहीं दी गई, जिससे याची मुआवजे की हकदार नहीं बनती।

सरकार की नाकामी

अदालत ने सरकार की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि नसबंदी की विफलता चिकित्सा लापरवाही का स्पष्ट मामला है। जब सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए नसबंदी को प्रोत्साहित करती है, तो उसकी विफलता की जिम्मेदारी भी उसे ही उठानी चाहिए।

पीठ ने सुनाया फैसला

यह आदेश स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष विकार अहमद अंसारी, सदस्य डॉ. ऋचा पाठक और सतेंद्र मिश्रा की पीठ ने दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में सरकार की लापरवाही से महिला को मानसिक और आर्थिक रूप से गहरा आघात पहुंचा है।

Advertisment

Happy Birthday CM Yogi: नाखूनी कुर्ते से लेकर लग्जरी कारों तक, जानें सीएम योगी आदित्यनाथ की वो बातें जो आप नहीं जानते  

Happy Birth Day CM Yogi

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज देश की राजनीति के सबसे चर्चित चेहरों में से एक हैं। सादगी, अनुशासन और निडर कार्यशैली के लिए प्रसिद्ध योगी आदित्यनाथ न केवल अपने प्रशासनिक फैसलों के लिए जाने जाते हैं, बल्कि उनके जीवन से जुड़ी कई दिलचस्प बातें भी लोगों के बीच बातों का विषय बनी रहती हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Prayagraj News in Hindi nasbandi Latest Prayagraj News female nasbandi lok adalat prayagraj delivery after nasbandi
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें