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छात्रों को जेलों और नारी निकेतन का भ्रमण कराएं विश्‍वविद्यालय : राज्‍यपाल

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Bhasha
देश में रविवार तक कुल 2,24,301 लाभार्थियों को कोविड-19 का टीका लगाया गया: सरकार

लखनऊ, 16 जनवरी (भाषा) उत्‍तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदी बेन पटेल ने शनिवार को सुझाव दिया कि छात्रों को सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों की शिक्षा देने के लिये विश्वविद्यालयों को छात्रों को जेलों और नारी निकेतनों का भ्रमण कराया जाना चाहिए।

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पटेल ने कहा, “विश्‍वविद्यालयों को बच्‍चों को सामाजिक सरोकारों से जुड़े पहलुओं की शिक्षा भी देनी चाहिए और सामाजिक समरसता बढ़े इसलिए छात्रों को जेलों, नारी निकेतन आदि का भी भ्रमण कराना चाहिए ताकि वे जान सकें कि जो विभिन्‍न अपराधों के कारण जेल में सजा काट रहे हैं, उनके (बंदी) समक्ष ऐसे क्‍या कारण उत्‍पन्‍न हो गये कि अपराध कर बैठे।''

राज्‍यपाल शनिवार को यहां एपीजे अब्‍दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्‍होंने कहा, “इस प्रकार का अनुभव जब बच्चों को मिलेगा तो वह अपराध करने से बचेंगे और हमारी अगली पीढ़ी स्वस्थ, संबल तथा उच्च कोटि की मनासिकता के साथ आगे बढ़ेगी।”

उन्होंने कहा कि हमें बेटियों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से सशक्त बनाना है। अतः बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिये हर सम्भव उपाय किये जाएं।

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राज्यपाल ने कुलपति को निर्देश दिए कि विश्वविद्यालय में पढ़ रही समस्त छात्राओं की रक्त जांच कराएं।

उन्होंने इस अवसर पर 90 पीएचडी उपाधियां तथा वर्ष 2020 के सभी रैंक धारकों को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्रदान किये। इस अवसर पर राज्यपाल ने पूर्व प्राविधिक शिक्षा मंत्री दिवंगत कमला रानी वरूण की स्मृति में शुरू किये गये पुरस्कार को अनुसूचित वर्ग में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्रा ऋतु वर्मा को दिया, जबकि सभी पाठ्यक्रमों में वर्ष 2020 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्रा सृष्टि सिंह को स्वर्ण पदक प्रदान किया।

उन्होंने वरिष्ठ पर्यावरण विद् एवं समाजसेवी पद्म भूषण डॉ. अनिल कुमार जोशी को पर्यावरण एवं समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये डॉक्टर आफ साइंस की मानद उपाधि से सम्मानित किया।

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राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा, “जब हम तकनीक के क्षेत्र में कुछ बेहतर और नया करेंगे तभी हम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ेंगे। विश्व के तेजी से बदलते दौर में आत्मनिर्भरता का महत्व बढ़ गया है।”

भाषा आनन्‍द प्रशांत

प्रशांत

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