इंदौर से अविनाश रावत की रिपोर्ट ब्यूरो चीफ
इंदौर। न सिर्फ मप्र में बल्कि पूरे देश में नवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
शारदीय नवरात्रि को लेकर देश में अलग-अलग मान्यताएं भी प्रचलित हैं, इन्हीं से जुड़ी परंपराओं के मुताबिक लोग मां की अराधना करते हैं।
अलग अंदाज में मनाते हैं नवरात्रि
ऐसे ही इंदौर में किन्नर समुदाय की अराधना कुछ अलग अंदाज में करता है।
जिले का किन्नर समाज सुख, शांति और सभी धर्मों के बीच भाईचारे की कामना के साथ ही हर साल शारदीय नवरात्रि में दुर्गा स्थापना करते हैं।
शरण पूर्णिमा पर होता विसर्जन
आमतौर पर माता की मूर्ति का विसर्जन दशहरे के दिन कर दिया जाता है, लेकिन किन्नर समाज हर साल दशहरे के बाद शरण पूर्णिमा पर पहले विशाल भंडारे का आयोजना करता है।
उसके बाद ही खेड़ी घाट पहुंचकर नर्मदा नदी में माता की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।
सालों से चली आ रही इसी परंपरा को इस वर्ष भी हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया।
इस बार भी हुआ आयोजन
शरद पूर्णिमा पर इंदौर की जनकपुरी कॉलोनी में भंडारे का आयोजन हुआ। इसमें करीब 10 हजार लोगों ने मातारानी का प्रसाद ग्रहण किया।
भंडारे के बाद अगले दिन खेडी घाट पर गाजे-बाजे के साथ माता को विदाई देने पहुंचे किन्नरों से बंसल न्यूज की टीम ने रास्ते में रास्ते में मुलाकात की।
माता की विदाई में जाते-जाते भजन गाए
इस मुलाकात में किन्नरों ने ना सिर्फ अपनी परंपरा के बारे में बताया बल्कि माता की विदाई में जाते-जाते भजन भी गाया…आते जाते लोग किन्नरों का यह भजन सुनकर सड़क पर ही नाच रहे थे।
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