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शाजापुर/आदित्य शर्मा : शाजापुर में दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा हर साल मनाई जाती रही है लेकिन इस बार 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होने के चलते अगले दिन बुधवार 26 अक्टूबर को शाजापुर, मक्सी, शुजालपुर सहित कई जगहों पर गवली समाज की महिलाओं द्वारा गोवर्धन पूजा की गई। गाय के गोबर से गोवर्धन पूजा की आकृति बनाई गई, जिसके बाद गोवर्धन की पूजा-अर्चना कर छोटे बच्चों को गोवर्धन में लिटाया गया। माना जाता है कि गोवर्धन में छोटे बच्चों को लेटाने से वे कभी बीमार नहीं होते।
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स्थानीय बीजासन माता मंदिर के समीप गवली मोहल्ले में निर्धारित स्थान पर समाज की महिलाओं ने बुधवार सुबह एकत्रित होकर गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई इस दौरान हर एक घर से खीर-पूरी, मिठाई और एक कुल्हड़, दूध का भोग लगाकर विधिविधान से पूजा-अर्चना कर समाज के लोगों ने परिक्रमा लगाने के बाद नवजात शिशुओं से लेकर छोटे बच्चों को इसी प्रतीकात्मक गोवर्धन पर्वत पर लेटाकर प्रभु से आशीर्वाद मांगा।
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समाज में मान्यता है कि पूजन के बाद निभाई जाने वाली इस विधि से बच्चों को कोई बीमारी नहीं होती है और वे युवा होने तक निरोगी रहते हैं। वहीं पर्वताकृति का बचा हुआ गोबर देवउठनी एकादशी पर समाजजन अपने घर ले जाते हैं, ताकि परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।
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