Union Budget 2023-24: जैसा कि, आप जानते है भारत का केंद्रीय बजट 1 फरवरी को जारी होने वाला है जिसके लिए किन वस्तुओं पर कितनी महंगाई और टैक्स स्लेब्स में बदलाव को लेकर आम आदमी से लेकर व्यवसायियों की नजर रहेगी। इस साल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( NIrmala Sitaraman) अपने कार्यकाल का पांचवां बजट पेश करेगी। क्या आप जानते है आजादी के बाद कैसे बजट आते थे और क्या दिलचस्प किस्से थे।
सन् 1955- 56 का ऐसा भी बजट
आपको बताते चलें कि, आजादी के बाद सामने आए बजट की बात की जाए तो दिलचस्प बजट 1955-56 के समय आया था जहां पर उस समय चिंतामन द्वारकानाथ देशमुख जिन्हें सी डी देशमुख (C. D. Deshmukh) वित्त मंत्री थे जिन्होंने अपने कार्यकाल का अनोखा बजट कैटेगरी में दिया था जिसमें फैमिली अलाउंस की स्कीम शुरू की थी. जिसमें शादीशुदा लोगों और कुंवारे लोगों के लिए अलग-अलग टैक्स स्लैब घोषित किए गए थे, उस समय शादीशुदा लोगों के लिए 1,500 रुपए का मौजूदा टैक्स एक्जेम्प्ट स्लैब बढ़ाकर 2,000 रुपए कर दिया गया था और अविवाहितों के लिए इसे घटाकर 1,000 रुपए किया गया था। योजना आयोग की सिफारिश के आधार पर इन वर्गों के लिए इस बजट को लाया गया था। यही वो मौका था जब बजट स्कीम का पहली बार हिंदी वर्जन भी लाया गया था। इसके बाद से ही एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट का का हिंदी वर्जन और एक्सप्लेनेटरी मेमोरेंडम सर्कुलेट किया जाता है।
जानिए ये रहा अनोखे बजट कै टैक्स स्लैब
यहां पर सामने आए अनोखे बजट के टैक्स स्लैब में 1955-56 में आए बजट के टैक्स स्लैब की बात करें तो शादीशुदा लोगों पर 0 से 2,000 रुपए की कमाई पर कोई टैक्स नहीं था. 2,001 रुपए से 5,000 रुपए की कमाई पर रुपए में 9 पाई और 5,001 रुपए से 7,500 रुपए तक की आमदनी पर रुपए में एक आना और 9 पाई टैक्स के रूप में चुकानी पड़ती थी. वहीं अगर कुंवारे लोगों की बात करें तो 0 से 1,000 रुपए की कमाई पर कोई टैक्स नहीं था. 1001 रुपए से 5,000 रुपए की कमाई पर रुपए में 9 पाई और 5,001 रुपए से 7,500 रुपए तक की आमदनी पर रुपए में एक आना और 9 पाई टैक्स के रूप में देने पड़ते थे।