भोपाल। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने किसानों को कर्जमाफी के प्रमाण पत्र तो बांट दिए लेकिन उनका कर्ज माफ नहीं किया। तोमर ने सतना जिले में रैगांव विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए शुक्रवार को एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘2018 विधानसभा चुनाव में हमारी 4-5 सीटें कम हो गईं और कांग्रेस की सरकार बन गई। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कमलनाथ ने किसानों के कर्जमाफी की फाइल साइन की, गांव-गांव में किसानों को कर्जमाफी के प्रमाण-पत्र बांटे, लेकिन आज तक किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ है। ईश्वर को भी ज्यादा दिन तक यह पापाचार मंजूर नहीं था और डेढ़ साल के बाद ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई। रैगांव में 30 अक्टूबर को मतदान होना है और वोटों की गिनती दो नवंबर को होगी। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा की प्रतिमा बागरी और कांग्रेस की कल्पना वर्मा की बीच है। भाजपा के विधायक जुगल किशोर बागरी के निधन के कारण यहां उपचुनाव कराना पड़ रहा है। तोमर ने कहा कि 2003 तक कांग्रेस शासन के दौरान मध्य प्रदेश पूरी तरह से अंधेरे में था जहां सड़क या पानी आपूर्ति आदि सुविधा नहीं थी, लेकन 2003 से 2018 के बीच भाजपा के शासनकाल में प्रदेश में तेजी से विकास हुआ।
सिंचाई सुविधा पर किया गया काम
इसमें लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, संबल योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं और सिंचाई सुविधाओं पर काम किया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में प्रदेश में 7 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई होती थी, लेकिन भाजपा ने इसे 47 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि पहले खेती के मामले में लोग पंजाब और हरियाणा की मिसाल देते थे लेकिन अब लोग कहते हैं कि खेती-किसानी देखनी है तो मध्यप्रदेश की देखो। यहां किसान खेती-किसानी में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं, नई-नई फसलें उगाकर अपनी आय दोगुनी कर रहे हैं। यह आमूल-चूल परिवर्तन भाजपा सरकार की ईमानदारी, दृष्टकोण और संवेदनशीलता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण केंद्र और राज्यों का राजस्व प्रभावित हुआ है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कभी नहीं कहा कि गरीब और किसानों के लिए सरकार के खजाने में पैसा नहीं है। तोमर ने कहा कि आज देशभर में किसानों को छह हजार रुपए सालाना सम्मान निधि दी जा रही है, लेकिन मध्यप्रदेश इसमें भी आगे है। मुख्यमंत्री ने इस सम्मान निधि में चार हजार रुपए बढ़ाकर इसे 10 हजार रुपए सालाना किया। रैगांव के अलावा मध्य प्रदेश में पृथ्वीपुर और जोबट विधानसभा सीटों तथा खंडवा लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं।