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हाइलाइट्स
- लगातार खांसी रहना बड़ा संकेत
- सांस फूलना और छाती में दर्द
- खांसी में खून आना खतरनाक
Unhealthy Lung Symptoms: क्या आपको लगता है कि उम्र बढ़ने के साथ खांसी या सांस लेने में तकलीफ होना सामान्य है? अगर हाँ, तो सावधान हो जाइए। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिर्फ बढ़ती उम्र की वजह से नहीं होता बल्कि फेफड़ों की सेहत बिगड़ने का संकेत भी हो सकता है। छोटी लगने वाली समस्याएं अक्सर बड़ी बीमारियों की जड़ होती हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है।
लगातार खांसी रहना
अगर खांसी 3 से 4 हफ्तों तक बिना रुके बनी रहती है, तो यह मौसमी खांसी नहीं बल्कि फेफड़ों की किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकती है। डॉक्टरों के अनुसार, लगातार खांसी रहना फेफड़ों की अंदरूनी कमजोरी और संक्रमण की ओर इशारा करता है। इसे हल्के में लेना बीमारी को बढ़ा सकता है।
सांस फूलना और भारीपन
जब आपको ऐसा लगे कि आसपास पर्याप्त हवा नहीं है और सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो यह फेफड़ों की बिगड़ती सेहत का बड़ा लक्षण हो सकता है। छाती में भारीपन या घुटन महसूस होना इस ओर संकेत करता है कि फेफड़े सही ढंग से काम नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे लक्षण दिखते ही विशेषज्ञ से जांच कराना जरूरी है।
गले में बलगम जमा होना
फेफड़ों को सुरक्षित रखने के लिए बलगम (म्यूकस) का बनना सामान्य है। लेकिन जब यह बार-बार गले में जमा होने लगे और आसानी से साफ न हो पाए तो यह असामान्य स्थिति है। लगातार बलगम का जमना संक्रमण, प्रदूषण या फेफड़ों की गंभीर बीमारी की तरफ इशारा करता है।
खांसी में खून आना
खांसते समय मुंह से खून आना फेफड़ों के लिए एक गंभीर चेतावनी है। यह लक्षण टीबी, लंग कैंसर या किसी बड़ी फेफड़ों की बीमारी का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में एक पल भी देरी किए बिना डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि यह जानलेवा साबित हो सकता है।
छाती में लगातार दर्द
छाती का दर्द अक्सर लोग दिल की बीमारी से जोड़ते हैं, लेकिन यह फेफड़ों की समस्या का भी लक्षण हो सकता है। बार-बार खांसने से छाती की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है जिससे खिंचाव और दर्द होता है। अगर दर्द लंबे समय तक बना रहे तो इसे नजरअंदाज न करें।
अन्य संकेत जिन पर ध्यान दें
- सांस लेते समय आवाज आना (व्हीज़िंग)
- लगातार कमजोरी और थकान
- तेजी से वजन कम होना
- मेडिकल रिकॉर्ड और ली गई दवाओं की जानकारी डॉक्टर को देना
- शरीर के सभी लक्षणों की सही जानकारी डॉक्टर को देना
फेफड़ों की छोटी-छोटी समस्याओं को हल्के में लेना बड़ी बीमारियों की शुरुआत हो सकती है। शुरुआती लक्षणों को पहचानना और समय पर डॉक्टर से इलाज कराना ही फेफड़ों को सुरक्षित रखने का सबसे बड़ा उपाय है।
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