नई दिल्ली। यूक्रेन की सीमा पर रूस की सैन्य मौजूदगी बढ़ने से तनाव बढ़ गया है। अमेरिका ने यूक्रेन दूतावास में कार्यरत अपने सभी अमेरिकी कर्मचारियों को देश छोड़ने का आदेश जारी किया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन पर रूसी हमले की आशंका जताई है। ऐसे में जानना जरूरी है कि आखिर यूक्रेन और रूस के बीच किस चीज को लेकर विवाद है?
अमेरिका और रूस भी आमने सामने
बता दें कि यूक्रेन के मसले पर रूस और अमेरिका भी आमने-सामने हैं। दोनों देशों के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। रूस ने यूक्रेन सीमा पर एक लाख से ज्यादा सैनिकों की तैनाती की है। इतनी बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती को लेकर अमेरिका खुलकर रूस के खिलाफ आ गया है और उसने रूस को खुली चेतावनी भी दी है।
यूक्रेन-रूस का क्या है दावा
दरअसल, यूक्रेन ने पिछले दिनों आरोप लगया था कि रूस के 1 लाख से अधिक सैनिक सीमा पर डटे हैं। साथ ही बॉर्डर पर बख्तरबंद गाड़ियों और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों की भी मौजूदगी है। ऐसे में चिंता पैदा हुई की रूस किसी हमले की योजना तो नहीं बना रहा। वहीं रूस का दावा है कि यूक्रेन ने सीमा पर 1 लाख 20 हजार से अधिक सैनकों को तैनात कर रखा है और वह पूर्व हिस्से में रूस समर्थित विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र को दोबारा हासिल करने की साजिश कर रहा है।
2014 की घटना से बढ़ा तनाव
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच इस तनाव की जड़े साल 2014 के उस घटनाक्रम से जुड़ी हैं, जब रूसी सैनिक क्रीमिया में दाखिल हुए और उस पर कब्जा कर लिया। इसके बाद एक जनमत संग्रह कराकर यह दिखाने का प्रयास हुआ कि क्रीमिया की जनता रूस के साथ है। हालांकि, यूक्रेन इसका शुरूआत से विरोध कर रहा है।
अमेरिकी हस्तक्षेप से परेशान है रूस
वहीं रूस, यूक्रेन से चिंतित इसलिए रहता है क्योंकि उसकी नजदीकियां पश्चिमी यूरोप और नाटो देशों के साथ है। हालांकि, यूक्रेन न तो यूरोपीय संघ का सदस्य है और न ही वह नोटो से जुड़ा है। लेकिन फिर भी यहां अमेरिका का दखल है। रूस इस दखल को हमेशा अपने उपर हस्तक्षेप के रूप में देखता है और इसी कारण से उसने अपनी सीमा से सटे यूक्रेन के हिस्से में सैनिकों की तैनाती की है।
रूस इस वजह से यूक्रेन का इस्तेमाल कर रहा है
मालूम हो कि रूसी राष्ट्रपति यूक्रेन को एक स्वतंत्र देश के बजाए रूस से जुड़ा हुआ देखना चाहते हैं। इसके अलावा पुतिन यूक्रेन का इस्तेमाल पश्चिमी शक्तियों से प्रतिबंधों में राहत पाने के लिए भी कर रहे हैं। फिलहाल अमेरिका ने रूस के खिलाफ कई राजनीतिक और आर्थिक प्रतिबंध लगा रखे हैं। ऐसे में रूस अगर यूक्रेन पर हमला करता है तो यह इस तरह के प्रतिबंधों से ढील के लिए डिप्लोमैटिक बातचीत का रास्ता खोल सकता है।
हालांकि, रूस सामने से यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा। बल्कि यूक्रेन आर्मी और रूस समर्थक अलगाववादियों के बीच युद्ध भड़क सकता है।