Umesh Pal Murder Case : उमेश पाल मर्डर केस में पुलिस जिस तरह से एक्शन मोड़ में ताबड़तोड़ छापेमारी और एनकाउंटर कर रही है उससे अतीक अहमद के गुर्गों को एनकाउंटर का खौफ सताने लगा है। यही वजह है कि उमेश पाल मर्डर केस के मुख्य साजिशकर्ताओं में शुमार माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ के गुर्गे लल्ला गद्दी ने सोमवार को एनकाउंटर के डर रात में बरेली के चौराहे पर सरेंडर कर दिया। बरेली में अतीक अहमद के भाई अशरफ के गुर्गे लल्ला गद्दी ने कोर्ट में सरेंडर अर्जी दी थी इसकी सुनवाई 21 मार्च को सुनवाई होनी थी लेकिन सुनवाई से पहले ही उसने सरेंडर कर दिया।
आपको बता दें कि लल्ला को एनकाउंटर का डर सता रहा था। सरेंडर करने के लिए वह म अतीक के भाई अशरफ के साले सद्दाम के साथ आया था। किसी ने लल्ला का सरेंडर करते वक्त 5 सेकंड का वीडियो बनाकर सोशल मिडिया पर डाल दिया। लल्ला पर आरोप है कि सद्दाम के साथ मिलकर लल्ला, अशरफ को गैरकानूनी काम करने में साथ देता था। इसी मामले में वह बिथरी चैनपुर व बारादरी थाने एफआईआर दर्ज होने के बाद से से फरार चल रहा था। फिलहाल पुलिस और अन्य एजेंसी उससे पूछताछ में लगी हुई है पुलिस को उम्मीद है की सद्दाम और अशरफ के बहुत से राज से पर्दाफाश करेगा।
कौन है सद्दाम?
उमेश पाल हत्याकांड में अशरफ के साले सद्दाम की तलाश में पुलिस जुटी हुई है लेकिन उसे अभी तक पकड़ नहीं पाई है। ऐसी कुछ खबरें आई जिनके मुताबिक सद्दाम की आखिरी लोकेशन हैदराबाद में पता चली है। अशरफ का साला सद्दाम बरेली में नाम बदलकर फर्जी पता दिखाकर छुपा था। सद्दाम ने बरेली में अपना नाम मुस्ताक बताकर फर्जी पता दिखाकर किराये के माकन में रह रहा था। उस पर आरोप है कि बरेली जेल में अशरफ से लिये सभी ऐशो-आराम की चीजे वह उपलब्ध करता था। सद्दाम की तलाश के दौरान पुलिस और एसटीएफ को एक लड़की के बारे में पता चला, जिसे कोई उससे सद्दाम की पत्नी बता रहा तो कोई प्रेमिका लेकिन अभी तक उसका भी कोई पता नहीं चल पाया है। वह लड़की सद्दाम से मिलने उसके घर आया करती थी। पुलिस उस लड़की की भी तलाश कर रही है।
24 फरवरी को हुई थी वारदात
गौरतलब है कि 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र पर बम और गोलियों से हमला कर दिया था जिसमे उनकी जान चली गई थी। इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों पर FIR दर्ज कराई थी। अब इस हत्याकांड को लगभग एक माह का समय गुजरने वाला है, लेकिन मामले में पुलिस की कार्रवाई अभी तक चल रही है।