Delhi Excise Policy: दिल्ली सरकार उत्पाद शुल्क विभाग ने राजधानी के होटल, क्लब और रेस्तरां चलाने वाले मालिकों और फर्म भागीदारों के लिए एक नया फरमान जारी किया है। ताजा आदेश के मुताबिक अब इससे जुड़े कारोबारियों को 15 सितंबर तक वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से जमा कराने को कहा गया है।
दिल्ली सरकार उत्पाद शुल्क के एक अधिकारी का कहना है कि यह कदम इस बात को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि आबकारी लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति अच्छे नैतिक चरित्र का है और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
दिल्ली आबकारी विभाग ने अपने हालिया आदेश में कहा कि होटल, क्लब और रेस्तरां के संचालक या मालिकों के साथ-साथ ऐसे प्रतिष्ठान चलाने वाली फर्मों के भागीदारों और निदेशकों को अपना पुलिस सत्यापन जमा करना होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘आबकारी नीति से संबंधित कथित अनियमितताओं के मद्देनजर दिल्ली में खुदरा शराब व्यापार किसी अवांछित व्यक्ति से प्रभावित हैं या नहीं, इस बात को तय करने के लिए बतौर एहतियाती कदम इस फैसले पर अमल करने का निर्णय लिया गया है।
बता दें कि नई शराब नीति को दिल्ली सरकार ने वापस ले लिया था। ED और CBI ने लाइसेंस जारी करने पर उठाए थे सवाल बता दें कि काफी संख्या में निजी फर्मों को उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के तहत दिल्ली में दुकानें खोलने के लिए लाइसेंस जारी किए गए थे। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) और ईडी (ED) ने गलत काम करने का आरोप लगाया गया था।
दिल्ली में 970 से अधिक एचसीआर लाइसेंसधारी हैं, जो अपने द्वारा संचालित होटल, क्लब और रेस्तरां में शराब परोस सकते हैं। दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति विवादों में आने के बाद वापस ले लिया था।
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