नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध में एक तरफ यूक्रेन की मदद के लिए वहां आम नागरिक आगे आए हैं तो अब यूक्रेन अपनी जेलों से सैन्य पृष्ठभूमि वाले कैदियों व आपराधिक संदिग्धों को रूस से जंग लड़ने के लिए रिहा कर रहा है। इन कैदियों को रूस के ‘विशेष अभियान’ के खिलाफ लड़ाई में शामिल किया जाएगा। यह जानकारी यूक्रेन देश के अभियोजक जनरल के कार्यालय के एक अधिकारी ने दी है।
रिहाई के लिए यह पात्रता जरूरी
अभियोजक जनरल के कार्यालय के एक अधिकारी अभियोजक एंड्री सिन्यूक ने बताया कि यह एक जटिल मुद्दा है, इसलिए कैदी की सेवा रिकॉर्ड, युद्ध का अनुभव और जेल में उसके व्यवहार को देखते हुए ही तय किया जाएगा कि किसी कैदी को रिहा कर उसे सैनिक बनाया जाएगा या फिर नहीं।
महिला को तेजाब में डुबोने वाले को बनाया सैनिक
एंड्री सिन्युक के मुताबिक एक कैदी सर्गेई टोरबिन नाम का कैदी एक पूर्व अनुभवी लड़ाकू रहा है। टॉर्बिन पहले भी डोनेत्स्क और लुगंस्क पीपुल्स रिपब्लिक के साथ हुए संघर्ष में लड़ चुका है। उन्होंने आगे बताया कि नागरिक अधिकार कार्यकर्ता व भ्रष्टाचार विरोधी प्रचारक कतेरीना हांडजिउक पर उसने तेजाब में डुबा दिया था, जिससे हांउजिउक की मौत हो गई थी, इसी जुर्म में उसे 2018 में छह साल और छह महीने की जेल हुई थी. उन्होंने कहा कि टोरबिन को रिहा किया गया है और उसे पूर्व कैदियों के दस्ते में शामिल किया गया है।
वहीं अधिकारी ने आगे बताया कि एक और दूसरे पूर्व सैनिक दिमित्री बालाबुखा को भी रिहा किया गया है। जिसे 2018 में हत्या के मामले में 9 साल की सजा सुनाई गई थीं, दिमित्री ने एक बस स्टॉप चाकू से हमला करके एक व्यक्ति की हत्या कर दी थीं।
यूक्रेन नागरिकों को भी दे रहा हथियार
यूक्रेन की सरकार लगाता अपने आम नागरिकों को भी हथियार दे रही है, साथ ही उन्हें इन हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। क्योंकि रूसी सेनाएं यूक्रेन की राजधानी कीव के करीब पहुंच पहुंच चुकी हैं। मीडिया ने रविवार को कीव के बाहरी इलाके में नए सिरे से लड़ाई की सूचना दी है।