हाइलाइट्स
- उज्जैन मूर्तिकला केंद्र के रूप में विकसित होगा।
- मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को दिए निर्देश
- उज्जैन में वीर भारत संग्रहालय विकसित कर रही सरकार
Ujjain Veer Bharat Museum: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन अब केवल आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि मूर्तिकला के क्षेत्र में भी एक नया केंद्र बनने जा रही है। जहां से प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर जरूरत के अनुसार मूर्तियां सप्लाई की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीर भारत संग्रहालय और महादेव मूर्ति कला कार्यशाला की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया। इस परियोजना का उद्देश्य सनातन संस्कृति को संजोना और स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन देना है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन को मूर्तिकला केंद्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में संस्कृति और धार्मिक न्यास विभाग के अधिकारियों से कहा गया कि यह कार्य सिंहस्थ 2028 से पहले पूर्ण रूप से कार्यान्वित किया जाए। मूर्तियां पत्थर, संगमरमर, ग्रेनाइट और धातु जैसी विभिन्न सामग्रियों से तैयार की जाएंगी।
उज्जैन को मूर्तिकला केंद्र बनाने की तैयारी
सीएम मोहन यादव ने वीर भारत न्यास, वीर भारत संग्रहालय और महादेव मूर्ति कला कार्यशाला की गतिविधियों को लेकर समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा है कि सृष्टि के हर युग में उज्जैन नगरी का महत्व रहा है। इसलिए हर युगों में उज्जैन के महत्व पर केंद्रित गैलरी वीर भारत संग्रहालय में विकसित की जाए। साथ ही प्रदेश के अलग-अलग अंचलों पर आधारित गैलरी तैयार हो।
भारत के गौरवशाली अतीत को दर्शाया जाएगा
मुख्यमंत्री ने उज्जैन को मूर्तिकला केंद्र के रूप में विकसित करने के निर्देश देते हुए कहा कि आवश्यकता अनुसार मूर्तियां उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सनातन संस्कृति और महापुरुषों के गौरवशाली अतीत की पुनर्स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक के दौरान वीर भारत न्यास के कार्यों और कोठी महल और परिसर के उन्नयन के लिए जारी गतिविधियां विचार-विमर्श हुआ।
वीर भारत संग्रहालय और न्यास की गतिविधियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उज्जैन में वीर भारत संग्रहालय को विकसित कर रही है। वीर भारत संग्रहालय में भारत के सभी युगों के महान व्यक्तित्वों और ऐतिहासिक घटनाओं को दर्शाया जाएगा। कोठी महल में इसका पहला चरण शुरू होगा, जिसमें देश के ऋषियों, वैज्ञानिकों, लेखकों, कलाकारों आदि के योगदान का उल्लेख होगा। भारत उत्कर्ष पर केंद्रित शोध, अनुसंधान, फैलोशिप और अध्ययन वीर भारत न्यास के तहत संचालित किया जाएगा।
रंगमंडप से क्षेत्रीय कलाकारों को मिलेगा मंच
मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्थर से जिन बड़ी मूर्तियों का निर्माण कठिन है, उन्हें धातु शिल्प से तैयार किया जाए। विश्वविद्यालय, अकादमिक संस्थाओं और विज्ञान शिक्षण, प्रशिक्षण व शोध वाली संस्थाओं को संग्रहालय से जोड़ा जाए। महाकाल महालोक में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के लिए रंगमंडप विकसित किया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय कलाकारों को मंच मिलेगा और श्रद्धालुओं को सांस्कृतिक अनुभूति। साथ ही सीएम ने रंगमंडप में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
महाकाल लोक की व्यवस्थाओं को लेकर दिए निर्देश
बैठक में मुख्यमंत्री ने महाकाल महालोक में आग लगने के मामले में अधिकारियों से जानकारी ली, सीएम ने सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए कहा कि बेहतर इंतजाम किए जाएं ताकि दोबारा घटनाएं न हों, किसी तरह की अप्रिय घटना होने पर महाकाल में आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी न हो इसका ध्यान रखा जाए।
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20 से 31 मई तक अहिल्या बाई का त्रिशताब्दी समारोह
मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 से 31 मई तक लोकमाता देवी अहिल्या बाई का त्रिशताब्दी समारोह मनाया जाएगा। 20 मई को राजवाड़ा इंदौर में कैबिनेट बैठक होगी जो अहिल्या देवी को समर्पित होगी। त्रिशताब्दी समारोह पर महेश्वर, इंदौर, भोपाल और उज्जैन में आयोजन भी होंगे। इस दौरान महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और क्षेत्रीय व्यंजनों के स्टॉल लगाए जाएंगे।
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