उज्जैन। राज्य में कोरोना की दूसरी लहर अब ढलान की ओर है। लेकिन जब यह अपने चरम पर था, तो सरकार ने राज्य में लॉकडाउन लगा दिया था। ताकि संक्रमण की रफ्तार को कम किया जा सके। सरकार ने लॉकडाउन के दौरान लोगों से शादी नहीं करने की अपील की थी। ऐसे में उज्जैन के छड़ावाद गांव के रायसिंह की बेटी प्रियंका की शादी भी रुक गई। लेकिन अच्छी खबर यह है कि लॉकडाउन के दौरान जिस अफसर ने कोरोना नियमों के चलते प्रियंका की शादी रोक दी थी, अनलॉक होने के बाद उन्हीं अफसरों ने 1 जुलाई को उसकी शादी करा दी।
नियमों के कारण विवाह को बीच में ही रोक दिया गया था
दरअसल, फर्ज और कानून के साथ मानव धर्म निभाने की यह अनूठी दास्तां है तहसीलदार डीके वर्मा की। लॉकडाउन के दौरान वे अपने क्षेत्र का दौरा कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें ग्राम छड़ावद में विवाह समारोह होता दिखाई दिया। वह तुरंत मौके पर पहुंचे और परिवार वालों को कोरोना नियमों का हवाला देते हुए विवाह रोकने की सलाह दी। परिवार के लोग मान गए। लेकिन उनके साथ मजबूरी यह थी कि अगली बार प्रियंका की शादी करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे।
तहसीलदार ने कहा था मैं कराउंगा शादी
ऐसे में तहसीलदार डीके वर्मा ने परिवार से कहा कि आप अभी विवाह रोक दिजिए जब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होगी तो मैं खुद आकर प्रियंका की शादी कराउंगा। तहसीलदार की बात सुनकर परिवार वाले मान गए और विवाह को स्थगित कर दिया गया। हालांकि परिवार के लोग सोच रहे थे कि कहीं अनलॉक के बाद अधिकारी, बेटी की शादी करने न आएं तो क्या होगा। लेकिन अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद तहसीलदार खुद ही गांव पहुंचे और अपने खर्च पर कन्या का विवाह कराने की बात कही।
पत्नी के साथ पहुंचकर विवाह संपन्न कराया
इसके बाद तहसीलदार वर्मा ने 1 जुलाई को शुभ मुहूर्त पर अपनी पत्नी के साथ छड़ावाद गांव पहुंचकर कन्या का विवाह संपन्न कराया और वर-वधु को आशीर्वाद दिया। इस दौरान तहसीलदार के साथ कई और गणमान लोग मौजूद रहे। तहसीलदार ने शादी का पूरा खर्च भी उठाया। तहसीलदार डीके वर्मा के इस कदम की गांव के लोग सराहना कर रहे हैं।