हाइलाइट्स
-
कोठी बनने के बाद उज्जैन से ग्वालियर शिफ्ट हो गई थी राजधानी
-
कोठी महल तो बनाया, लेकिन उपयोग नहीं हुआ, अब सरकारी ऑफिस
-
12 साल बाद संग्रहालय की परिकल्पना होगी साकार
उज्जैन। Ujjain News: उज्जैन महाकाल की नगरी के नास से प्रसिद्ध है। इसके साथ ही यहां प्राचीन धरोहर भी हैं, इन्हीं धरोहरों में से एक 136 साल पुराना कोठी महल है।
अब इस कोठी महल को (Ujjain News) संग्रहालय में बदला जाएगा। यह कोठी महल वीर भारत संग्रहालय के नाम से भी जाना जाएगा।
इस संग्रहालय में प्राचीनकाल और स्वाधीनता के वीर नायकों के इतिहास की जानकारी लोगों को मिलेगी। बताया जा रहा है कि यह देश का पहला संग्रहालय होगा,
जहां सबकुछ एक ही जगह पर जानने को मिलेगा।
बता दें कि (Ujjain News) उज्जैन शहर की पहचान कोठी महल प्राचनी हैरिटेज भवन को संरक्षित कर संग्रहालय बनाया जाएगा।
अब इसकी भव्यता संग्रहालय का आकार लेगी। बता दें कि इस महल के संरक्षण को लेकर बनाई गई योजना ठंडे बस्ते में पड़ी थी,
लेकिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसमें रुचि दिखाई है। इसको लेकर (Ujjain News) उज्जैन के प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
संबंधित खबर:MP News: इंदौर में 35 लाख रुपए की मिलावटी सौंफ जब्त, मिलावटखोर हरा करने के लिए मिलाते थे कैमिकल
सिंधिया रियासत का महल
बता दें कि यह (Ujjain News) कोठी महल करीब 136 साल पुराना है। यह सिंधिया रियासत काल में बनाई गई कोठी थी। अब इस महल को संग्रहालय में संरक्षित किया जा रहा है।
इस महल को वीर भारत न्यास के माध्यम से लोगों को भारतीय इतिहास की जानकारी मिलेगी।
इसके साथ ही पूर्व वैदिक, वैदिक, उत्तर वैदिक काल की जानकारी के साथ रामायण कालीन, महाभारत युग से विक्रमादित्य काल और स्वतंत्रता संग्राम के
वीर नायकों के चित्र, प्रतिमा और उनके इतिहास के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
सिंहस्थ से पहले होगा तैयार
(Ujjain News) उज्जैन के प्रशासनिक अधिकारियों को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं। संभावना जताई जा रही है कि 1 मार्च को शिलान्यास हो सकता है।
इसके साथ ही उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के पहले इसे तैयार किया जाएगा। इसको लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
12 साल से अटका था प्लान
(Ujjain News) कोठी महल के संरक्षण और संग्रहालय को लेकर पिछले 12 साल से प्रक्रिया विचाराधीन है। जिस पर काम नहीं हो सका है।
लेकिन अब भारत न्यास के माध्यम से संग्रहालय की परिकल्पना को साकार करने जा रहे हैं।
बता दें कि कोठी महल में करीब सौ से अधिक कमरे और बड़े हॉल हैं। यहां खुली जगह भी है। इसके चलते संग्रहालय बनने के बाद महाकाल के दर्शन व
सिंहस्थ में श्रद्धालु और सैलानी भी यहां आकर अवलोकन की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
ठंडे बस्ते में डाल दी थी घोषणा
बता दें कि वीर भारत परिसर बनाने का निर्णय सरकार ने वर्ष 2012 में लिया था। इसकी घोषणा के बाद काम भी शुरू हो गया था, लेकिन काम आगे नहीं बढ़ा।
इसके 12 साल बाद सीएम यादव ने रुचि दिखाई। इस (Ujjain News) संग्रहालय में हमारे देश के महान वीर, तेजस्वी नायक, ऋषि, संत, धर्म गुरु के
अलावा स्वाधीनता संग्राम के वीर नायकों के चित्र, प्रतिमा और उनके योगदान का वर्णन मिलेगा।
संबंधित खबर:MP News: इंदौर में खुले आसमान के नीचे चलता है ये मुफ्त स्कूल, यहां पढ़े छात्र IIT तक पहुंचे
इस तरह बना कोठी महल
(Ujjain News) उज्जैन की सबसे खास और शानदार इमारत कोठी महल, जिसका निर्माण सिंधिया के शासनकाल में हुआ। इसे ब्रिटिश रीजेंसी काउंसिल के सहयोग से बनाया गया था।
उस काल के समय इस काउंसिल ने 8 लाख का योगदान दिया था। बताया जाता है कि इसका निर्माण 1887 से 1888 तक चला। यहां ईंट, नक्काशीदार पत्थर और प्लास्टर का उपयोग कर किया गया है।
बता दें कि इस महल के निर्माण के बाद राजधानी (Ujjain News) उज्जैन से ग्वालियर स्थानांतरित हो गई थी। इसके चलते इसका उपयोग नहीं हो सका।
पहले यहां कलेक्ट्रेट और कोर्ट लगती थी, अब यहां पर कुछ सरकारी ऑफिस हैं।