
Ujjain mahakal-temple-parking-takiya-masjid-case-supreme-court hindi news zxc
हाइलाइट्स
- महाकाल मंदिर प्रोजेक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला
- तकिया मस्जिद को लेकर वक्फ संपत्ति का दावा
- हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर हुई अपील
Takiya Masjid Ujjain Case Update: उज्जैन में महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) के विस्तार प्रोजेक्ट के तहत तोड़ी गई तकिया मस्जिद (Takiya Masjid) की जमीन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। याचिकाकर्ताओं ने मस्जिद को दोबारा बनवाने और जमीन को वक्फ संपत्ति (Waqf Property) घोषित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। यह मामला पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) में सुना गया था, जहां सिंगल बेंच और डबल बेंच दोनों ने जिला प्रशासन के पक्ष में फैसला सुनाया था।
हाईकोर्ट से हार के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील
जिला प्रशासन ने 10 महीने पहले 11 जनवरी 2025 को महाकाल मंदिर के शक्ति पथ के पास स्थित पार्किंग क्षेत्र की जमीन खाली कराने की कार्रवाई की थी। इसी दौरान 257 मकानों के साथ तकिया मस्जिद को भी गिरा दिया गया था। प्रशासन का कहना था कि यह निर्माण अवैध था। वहीं मुस्लिम पक्ष का दावा था कि यह करीब 200 साल पुरानी वक्फ संपत्ति है, जहां नमाज अदा की जाती थी।
हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
मस्जिद में नमाज पढ़ने वाले 13 नमाजियों ने प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने मस्जिद गिराने की कार्रवाई को गलत बताते हुए इसे धार्मिक स्थल की बेदखली कहा था। हालांकि, हाईकोर्ट ने प्रशासन के पक्ष में फैसला दिया और कहा कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया नियमों के अनुसार की गई है।
वक्फ की जमीन पर गलत अधिग्रहण का आरोप
याचिकाकर्ता पक्ष के वकील सय्यद अशहर वारसी ने बताया कि अब सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की गई है, जिसमें जिला प्रशासन पर वक्फ की संपत्ति का गलत तरीके से अधिग्रहण करने का आरोप लगाया गया है। उनका कहना है कि महाकाल मंदिर विस्तार के नाम पर वक्फ की जमीन को जबरन अधिग्रहित किया गया।
इस भूमि पर अब महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति (Mahakal Temple Committee) एक बड़ी पार्किंग और अन्य प्रोजेक्ट विकसित कर रही है। मकान मालिकों को करीब 32 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया था और सभी 257 मकानों को खाली कराया जा चुका है। मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में इस सप्ताह होने की संभावना है।
MP Reservation: SC ने एमपी सरकार से मांगा सरकारी वकीलों का आरक्षण डाटा, दो हफ्तों में देना होगा जवाब
/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/sc-news.webp)
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से कहा है कि वह दो हफ्तों में बताए कि महाधिवक्ता कार्यालयों (Advocate General Offices) में ओबीसी, एससी, एसटी और महिलाओं को कितनी जगह दी गई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें